गाजीपुर: गाजीपुर के सदर कोतवाली इलाके के छावनी लाइन के मौजा में जिला प्रशासन ने शिक्षा माफिया की राजेंद्र सिंह कुशवाहा की शुक्रवार को 3 करोड़ 10 लाख की संपत्ति को कुर्क किया गया. ये संपति चंद्रहास कुशवाहा, अजीत कुशवाहा, चंद्रपाल कुशवाहा और सियाराम यादव के नाम से शिक्षा माफिया राजेंद्र कुशवाहा,पारस नाथ कुशवाहा महेंद्र कुशवाहा ने इन सभी के नाम भूखंड खरीदा था. 


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दरअसल, शुक्रवार को डीएम के निर्देश पर धारा 14 (1) के तहत कुर्क की कार्रवाई करने भरी फोर्स और राजस्व की टीम के साथ खुद एसपी रोहन पी बोत्रे मौके पर पहुंचे. जहां पर चंद्रहास कुशवाहा, अजीत कुशवाहा, चंद्रपाल कुशवाहा और सियाराम यादव के नाम की भूमि को कुर्क किया गया है. ये सभी भूखंड शिक्षा माफिया राजेंद्र, भाई पारस कुशवाहा और महेंद्र कुशवाहा के द्वारा खरीदा गया था. 


इस दौरान एसपी रोहन पी बोत्रे ने बताया कि शिक्षा माफिया राजेंद्र कुशवाहा और इनके भाई गैंग लीडर पारस कुशवाहा के साथ भाई महेंद्र कुशवाहा द्वारा इस भू खंड को चंद्रहास कुशवाहा, अजीत कुशवाहा, चंद्रपाल कुशवाहा और सियाराम यादव के नाम से खरीदा गया था. जिसकी कुल मलकियत तकरीबन 3 करोडों 10 लाख की है. 


बता दें कि गाजीपुर में आज जिला प्रशासन ने शिक्षा माफिया राजेन्द्र कुशवाहा के द्वारा चार लोग चंद्रहास कुशवाहा, अजीत कुशवाहा, चंद्रपाल कुशवाहा और सियाराम यादव के नाम खरीदा गया था. जिसकी मालकियत 3 करोड़ 10 लाख है। जिसे आज कुर्क की गई है. सदर कोतवाली क्षेत्र के छावनी लाइन स्थित इनके कई मौजे की भू खंड के कुर्क किया गया. कुर्क की कार्रवाई जिलाधिकारी के आदेश पर कुर्क कर लिया गया.


राजेन्द्र कुशवाहा पर गैंगेस्टर एक्ट 14(1) के तहत मुकदमा दर्ज है, जिसमें मुख्य आरोपी पारस कुशवाहा है. शिक्षा माफिया पारस कुशवाहा पहली बार तब सुर्खियों में आया था. जब उसके कालेज में हुई पॉलीटेक्निक प्रवेश परीक्षा में एक ही कमरे से टॉप 10 में सभी छात्र आ गये थे. उसके बाद पिछले वर्ष हुई टीईटी की परीक्षा में उसके विद्यालय से एसटीएफ ने सामूहिक नकल पकड़ी थी. इसके बाद पारस कुशवाहा उसके भाई महेंद्र कुशवाहा और राजेंद्र कुशवाहा सभी के ऊपर गैंगेस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. अबतक शिक्षा माफिया के खिलाफ कुल 30 करोड़ 91 लाख की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है. 


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