मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: गाजीपुर में अंसारी कॉन्प्लेक्स के दुकानदारों को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. गैंगस्टर के तहत कुर्क की गई अंसारी कांप्लेक्स की दुकानों को कोर्ट ने प्रशासक नियुक्त कर खोलने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि गैंगस्टर के तहत किसी तीसरे व्यक्ति को परेशान न किया जाए, आम आदमी के हित को ध्यान में रखा जाए. जस्टिस एसडी सिंह और जस्टिस राज बीर सिंह की डिविजन बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है.


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दुकानदारों का रोजगार हो रहा था चौपट 
प्रशासन ने गाजीपुर के अंसारी कॉन्प्लेक्स की करीब 20 दुकानों को गैंगस्टर के तहत कुर्क कर लिया है, जिसमें जिला प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि यह कांप्लेक्स माफिया मुख्तार अंसारी और उसके बेटे अब्बास अंसारी की अवैध तरीके से अर्जित संपत्ति है.दुकानदार राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल समेत पांच दुकानदारों ने इस कार्रवाई को नियम विरुद्ध बताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. कोर्ट में याचियों का पक्ष अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने रखते हुए कहा कि याचीगण मुख्तार अंसारी और अब्बास अंसारी गिरोह के सदस्य नहीं हैं. दुकानदारों ने लाखों की पगड़ी या फिर बैंक लोन लेकर सालों पहले दुकानें खरीदी हैं. ऐसे में यह कार्रवाई उनके रोजी रोजगार को चौपट करने वाली है.


याचियों की तरफ से कहा गया कि अगर यह संपत्ति अवैध तरीके से अर्जित की गई है तो प्रशासन इस पर प्रशासक नियुक्त कर दे. प्रशासक दुकानों से किराया वसूल कर जिला राजकोष में जमा कराए. सरकार की तरफ से पेश अधिवक्ता ने कहा कि दुकानदारों ने कभी भी प्रसाशक नियुक्ति को लेकर जिला प्रशासन को कोई प्रत्यावेदन नहीं दिया है.


कोर्ट ने जिला प्रशासन को दिया यह आदेश 
कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दुकानदारों को राहत दी है. कोर्ट ने कहा कि जिला प्रशासन दुकानों की देखभाल को लेकर एक प्रशासक नियुक्ति करे, जो दुकानदारों से लिए जाने वाले किराए को वसूल कर जिला राजकोष में जमा करेगा. दुकानदारों को कोर्ट ने जिला प्रशासन के यहां प्रत्यावेदन देने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि प्रत्यावेदन पर दो सप्ताह के अंदर निर्णय लिया जाए।.याचियों की तरफ से अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने पक्ष रखा. 


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