अतुल मिश्रा/बांदा: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बांदा में एक 5 साल मासूम के साथ दुष्कर्म कर निर्मम हत्या कर शव छिपाने के मामले में पाक्सो एक्ट विशेष न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा दी है, साथ ही 2 लाख का जुर्माना भी लगाया है. बता दें कि अभियुक्त ने साल 2021 में अपनी चचेरी नातिन को बिस्किट खिलाने के बहाने घर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म कर अपने गमछे से गला दबाकर निर्मम हत्या कर दी थी. इसके बाद पीड़िता के परिवार को न्याय की गुहार लगाई थी. बता दें कि चचेरी नातिन के साथ किया था दुष्कर्म गला रेत कर की थी हत्या आपको बता दें कि यह घटना मरका थाना क्षेत्र की है.


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अभियुक्त के घर में तलाशी के दौरान मिला था मासूम का शव
आपको बता दें कि 28 अप्रैल 2021 को एक व्यक्ति ने अपने चचेरे भाई राम बहादुर प्रजापति उम्र 45 वर्ष पर दुष्कर्म करने के मामले में अभियोग पंजीकृत करवाया था. आरोप था कि उसने 5 वर्षीय नातिन को बिस्किट खिलाने के बहाने घर में बुलाया. इसके उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. इतना ही नहीं बड़ी बेरहमी से उसकी हत्या कर शव को घर में ही छिपा दिया. जब सभी ने शव को ढूंढने का प्रयास किया, इसके बाद अभियुक्त के घर की भी तलाशी ली गई, तो मासूम का शव बरामद हुआ. मौके से पुलिस ने अभियुक्त को घर से ही गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद 25 अक्टूबर से 14 नवंबर के बीच सभी 6 साथियों को न्यायालय में पेश किया गया था. उसके बाद न्यायालय ने 23 दिसंबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था.


विशेष न्यायालय पाक्सो एक्ट ने सुनाई सजा
वहीं, आज 4 दिसंबर को विशेष न्यायालय पाक्सो एक्ट न्यायाधीश अनु श्रीवास्तव की अदालत ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने राम बहादुर प्रजापति को फांसी की सजा और 2 लाख 70 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है. दरअसल, इस मामले की पैरवी कमल सिंह गौतम लोक अभियोजक ने की. अधिवक्ता कमल सिंह गौतम ने बताया कि मरका थाना क्षेत्र के गांव में 5 वर्षीय मासूम के साथ उसके चचेरे बाबा ने बिस्किट खिलाने के बहाने घर ले जाकर दुष्कर्म किया और फिर अपने गमछे से ही गला घोंटकर उसकी निर्मम हत्या कर दी. जब परिजनों द्वारा मासूम की तलाश की गई, तो उसका शव आरोपी के घर से बरामद हुआ था. इस मामले में मुकदमा पंजीकृत कर गिरफ्तारी कर ली गई. वहीं, न्यायालय नहीं आरोप तय होने के एक माह के अंदर ही फैसला सुना दिया गया. 


आपको बता दें कि आरोपी राम बहादुर प्रजापति को फांसी के साथ-साथ 270000 का जुर्माने की सजा सुनाई गई है. वहीं, पीड़ित परिजन शासन प्रशासन और कोर्ट के फैसले को लेकर आभार जताया है. पीड़ित परिजनों ने इस फैसले को लेकर एक तरफ खुशी है, वहीं दूसरी तरफ मासूम के जाने का दुख भी है. चर्चा है कि अगर ऐसे ही दुष्कर्म मामले में न्याय होता रहा, तो निश्चित तौर पर ऐसे गंभीर मामलों में कमी आएगी.