अंबिकेश्वर पांडे/गोंडा: सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए भले ही बड़े-बड़े वादे किए जाते हो, लेकिन धरातल पर सरकार के जिम्मेदार आला अफसर व ठेकेदार मिलीभगत कर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे हैं. गोंडा जिले के ब्लाक छपिया के अंतर्गत गायघाट से घनश्यामपुर रोड का निर्माण हुए अभी एक महीने भी नहीं हुए और रोड से गिट्टी निकलने लगी है.  1 करोड़ 71 लाख 21 हजार की लागत से बनी सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है.


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एक महीने में ही उजड़ने लगा रोड
गायघाट से घनश्यामपुर रोड का निर्माण लोक निर्माण के अधिकारी और ठेकेदार करवा रहे हैं. सड़क तो 1 करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई है. सड़क कितनी मजबूत है कि आम आदमी हाथ के पंजे से सड़क आसानी से उजड़ रहा है. इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़क कितनी मजबूत और कितनी मानक पर बनाई गई होगी.


बीते दिनों कैसरगंज के बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह तरबगंज विधानसभा क्षेत्र की एक सड़क के बारे में जमकर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए सड़क का निरीक्षण किया था और उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया था. वायरल वीडियो के आधार पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने सड़क का निर्माण तो कर दिया गया, लेकिन लोक निर्माण विभाग के अधिकारी और ठेकेदार ने उनसे सीख नहीं ली और मानक को दरकिनार कर जिले के अन्य सड़कों को निर्माण करवाने में जुटे हुए हैं.


सड़क से निकल रही गिट्टी 
कहीं ना कहीं लोक निर्माण विभाग के अधिकारी और ठेकेदार मिलकर सरकार के मंसूबों पर पानी फेरने में लगे हुए हैं हैं. सरकार अच्छी सड़कें होने का दावा करती है तो दूसरी तरफ ठेकेदार सड़क निर्माण के नाम पर पैसो का बंदरबांट कर रहे हैं. सड़क का निर्माण हुए अभी एक महीना भी नहीं हुआ और राहगीरों के चलने से ही बनाई गयीं सड़क की गिट्टी निकल रही है.


वहीं, पूरे मामले में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड देवेंद्र मणि ने बताया है कि कहा अगर बनाई गयी सड़क में कमियां दिखेंगी तो दुबारा से ठेकेदार को बनानी होगी, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि मानकहीन सड़क को कैसे जिम्मेदार अधिकारी ऑल गुड का नंबर देकर सड़क को पास कर दिया? जबकि धरातल पर सड़क की हाल सड़क खुद बया कर रहीं है.


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