गोरखपुर: आज के दौर में जहां बच्चों के बुजुर्ग मां-बाप को खुले आसमान में दर-दर की ठोकरें खाने को छोड़ देने की खबरें सामने आती हैं, इस सामाजिक बुराई के बीच कुछ ऐसे भी उदाहरण हैं, जो इस बात की तस्दीक करते हैं कि सब कुछ बुरा ही नहीं है. ऐसी ही मिसाल कायम की है, गोरखपुर के एक परिवार ने, जिन्होंने स्वर्गवासी मां को अपने बीच रखने के लिए घर में ही मंदिर का निर्माण कराया और उनकी प्रतिमा का सुबह-शाम पूजा-अर्चना करते हैं. 


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गोरखपुर के बिछिया इलाके के रहने वाले राहुल सिंह के परिवार ने कोरोना की दूसरी लहर में मां गीता देवी को खो दिया. मां हमेशा करीब रहे, इसलिए दोनों भाइयों ने घर के मंदिर में मां की प्रतिमा स्थापित कर ली है. इन्होंने अपनी मां के लिए खुद आरती लिखी है जिसका सुबह-शाम पाठ होता है. शहर के प्रतिष्ठित जीएन पब्लिक स्कूल में सीनियर टीचर राहुल सिंह की मां गीता देवी का निधन कोरोना संक्रमण के चलते बीते 14 मई को हो गया. उनकी असमय मौत बेटों के लिए बड़े सदमे की तरह थी. 


कई दिन तक गुमसुम रहने के बाद भाइयों ने निर्णय लिया कि मां ताउम्र करीब रहे, इसलिए मंदिर में मां की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. राहुल के भाई वैभव ने मां की प्रतिमा बनवाने की जिम्मेदारी उठाई और जयपुर में ढाई महीने तक शाम 7:00 बजे से रात के 2:00 बजे तक कारीगर के पास बैठकर बारीकी से मां की प्रतिमा का निर्माण कराया. यह जयपुर से माँ की प्रतिमा गोरखपुर लाये और उसे गणेश चतुर्थी के दिन घर मे स्थापित किया.


मां जीवित रहते जिस तरह का श्रृंगार किया करती थी, इस प्रतिमा को भी उसी तरह से उन्होंने सजाया है. इनका कहना है कि मां की मूर्ति इनको शक्ति और उनके प्रति प्रेम का अहसास देती है. मंदिर में उनकी आराधना से अहसास रहता है कि मां का आशीर्वाद परिवार के साथ है और वो हमेशा आसपास महसूस होती हैं. 


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