52 मुकदमे झेल रहे इस माफिया ने कोर्ट में किया सरेंडर, 10 साल में ही अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह बन गया
Gorakhpur News : जमीन के गोरखधंधे से जुड़े माफिया ने 90 के दशक में अपराध की दुनिया में कदम रखा था. बांसगांव के सांसद कमलेश पासवान के पिता मानीराम के तत्कालीन विधायक ओम प्रकाश पासवान की 25 मार्च 1996 को माल्हनपार रोड पर चुनावी जनसभा में बम मारकर हत्या के मामले में राकेश यादव को मुख्य आरोपी बनाया गया था.
Gorakhpur News : गोरखपुर जिले के टॉप 10 में शामिल माफिया राकेश यादव ने आत्मसमर्पण कर दिया है. राकेश यादव के खिलाफ हत्या की कोशिश, बलवा और मारपीट समेत संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज है. गोरखपुर पुलिस राकेश यादव की गिरफ्तारी के लिए लंबे समय से दबिश दे रही थी.
90 के दशक में रखा था अपराध की दुनिया में कदम
बता दें कि माफिया राकेश यादव शनिवार दोपहर अपने साथियों संग कचहरी पहुंचा. यहां जमानत निरस्त कर आत्मसमर्पण कर दिया. जमीन के गोरखधंधे से जुड़े राकेश यादव ने 90 के दशक में अपराध की दुनिया में कदम रखा था. बांसगांव के सांसद कमलेश पासवान के पिता मानीराम के तत्कालीन विधायक ओम प्रकाश पासवान की 25 मार्च 1996 को माल्हनपार रोड पर चुनावी जनसभा में बम मारकर हत्या के मामले में राकेश यादव को मुख्य आरोपी बनाया गया था.
माफिया के खिलाफ 52 मुकदमे दर्ज
माफिया राकेश पर अलग-अलग मामलों में 52 मुकदमे दर्ज हैं. इसमें पीपीगंज में गैंगस्टर समेत चार केस हैं, जिसकी पुलिस प्रभावी पैरवी कर सजा दिलाएगी. राकेश का नाम ओमप्रकाश पासवान हत्याकांड में शामिल था. माफिया राकेश यादव पर कार्रवाई करने के लिए नोडल बनाए गए एसपी उत्तरी ने बताया कि जीडीए को पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है.
लंबे समय से नेपाल रह रहा था
प्रभावी पैरवी के लिए चार मुकदमों को चिह्नित किया गया है. जेल से छूटने के बाद वह लंबे समय से नेपाल में शरण ले रखा था. माफिया राकेश यादव पर दर्ज मुकदमों में से 6 मामलों में पुलिस कोर्ट में पैरवी करेगी. कुर्की, घर पर बुलडोजर चलने के डर और पुलिस के लगातार दबिश की वजह से माफिया राकेश यादव ने किया सरेंडर कर दिया.
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