अरविंद मिश्रा/लखनऊ: ई-कॉमर्स क्षेत्र में फिल्पकार्ट और अमेजन जैसी कंपनियों के दबदबे को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) प्लेटफॉर्म शुरू किया  है. इससे छोटे और खुदरा कारोबारियों के साथ आम उपभोक्ताओं को काफी फायदा मिलेगा. 


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ओएनडीसी एक उल्‍लेखनीय उपलब्धि के तहत 30 सितंबर से बेंगलुरू शहर के 16 पिन कोड में प्रतिभागियों के आवेदन के माध्यम से उपभोक्ताओं के लिए चरणबद्ध तरीके से अपने नेटवर्क को खोलेगा. इस बीटा टेस्ट की मदद से उपभोक्ताओं को पहली बार नेटवर्क का अनुभव दिया जाएगा. ओएनडीसी उनसे मिलने वाले फीडबैक को इकट्ठा करेगी. इससे उत्तरप्रदेश एवं उत्तराखंड समेत पूरे भारत में नेटवर्क को शुरू करने से पहले इसे व्यवस्थित करने में मदद मिलेगी. केंद्रीय उद्योग एवं आंतरिक व्‍यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआइआइटी) वाणिज्‍य मंत्रालय ओएनडीसी की यह पहल ई-कॉमर्स के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव  लेकर आएगी.


कैसे काम करेगा ओएनडीसी


इसमें उपभोक्ता ओएनडीसी नेटवर्क पर भाग लेने वाले बायर एप के माध्यम से दो श्रेणियों किराने का सामान और रेस्तरां में अपने ऑर्डर दे सकते हैं. इसकी खास बात यह है कि इसमें विक्रेता प्रत्येक खरीदार को दिखाई देता है. आप अपनी पसंद के किसी भी बायर एप्लिकेशन से उत्पादों और सेवाओं की कई (वर्तमान में दो) श्रेणियों से खरीदारी कर सकते हैं. वह अब नेटवर्क पर सूचीबद्ध प्रत्येक विक्रेता से खरीदारी करने में सक्षम होंगे. खास बात यह है कि वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए इसमें स्थानीय विक्रेता भी शामिल हैं. यह पहले डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मौजूद नहीं थे और पहली बार ई-कॉमर्स इनेबल्‍ड हुए हैं. ओएनडीसी के एमडी और सीईओ टी. कोशी ने कहा कि यह भारत में ओएनडीसी और ई-कॉमर्स के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. ओएनडीसी सभी विक्रेताओं को सभी खरीदारों और सभी खरीदारों को सभी विक्रेताओं तक पहुंचने की अनुमति देकर ई-कॉमर्स को मजबूती देगा. 


 ऑनलाइन खरीदी होगी आसान
ओएनडीसी शब्दावली में 'बायर एप्स' उन एप्लिकेशन या वेबसाइटों के लिए इस्तेमाल होता है जो उपभोक्ताओं को ओएनडीसी पर उपलब्ध सभी विक्रेताओं से खरीदारी करने में सक्षम बनाती हैं. बीटा टेस्ट की शुरुआत में उपभोक्ता माय स्टोर, पेटीएम और स्पाइसमनी जैसे बायर एप से ऑनलाइन खरीदारी कर सकते हैं.


एडवांस टेंक्नोलॉजी का प्रयोग
'सेलर एप्स' ऐसे एप्लिकेशन या वेबसाइट हैं जो विक्रेताओं को उनके कैटलॉग और इन्वेंट्री को खरीदारों के लिए नजर आने के लिए नेटवर्क में शामिल होने में सक्षम बनाते हैं. बिजॉम, डिजिट, इनॉबिट्स का एनस्टोर, ई-समुदाय, ईविटलआरएक्स, ग्रो फ्रूगल, ग्रोथ फाल्कं, माय स्टोर, एन स्टोर, सेलर एप, यूएंगेज और यू शॉप ऐसे सेलर एप हैं जो बीटा टेस्ट में भाग ले रहे हैं. डुंजो, लोडशेयर और शिपरॉकेट जहां लॉजिस्टिक्स सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, वहीं प्रोटियान E-Gov टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (पूर्व में एनएसडीएल E-Gov) गेटवे सेवाएं प्रदान कर रही हैं. नाऊफ्लोट्स और प्लॉट तकनीकी सर्विस प्रोवाइडर हैं, जो ओएनडीसी नेटवर्क में शामिल होने के लिए बायर और सेलर एप की सुविधा प्रदान करते हैं.
जल्द छोटे शहरों तक पहुंचेगी सुविधा
जैसे-जैसे अलग-अलग व्यवसाय नेटवर्क से जुड़ते चले जाएंगे, अधिक खरीदार, विक्रेता, प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता, श्रेणियां और पिन कोड इसमें जोड़े जाएंगे. ब्लोहॉर्न, क्राफ्ट्सविला, सीएससी ग्रामीण ईस्टोर, ईकार्ट, ग्लोबल लिंकर (फैइटा आईटी मॉल), ग्रैब, एचडीएफसी बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, आईटीसी स्टोर, कोटक बैंक, मैजिकपिन, माइक्रोसॉफ्ट, पेप्पो, पेटपूजा, फोनपे, शॉपलिस्ट, स्नैपडील और जोहो एकीकरण के अंतिम चरण में हैं. जल्द ही इनके लाइव होने की उम्मीद है.