Greater Lucknow : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ग्रेटर लखनऊ बसाने की तैयारी कर रही है. इसमें नोएडा ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर लखनऊ का विस्तार कर ग्रेटर लखनऊ बसाने की तैयारी की जा रही है. इसमें उन्नाव, बाराबंकी, हरदोई और कानपुर के भी कुछ गांवों को शामिल किया जा सकता है. लखनऊ के अलावा कानपुर, उन्नाव शुक्लागंज और बाराबंकी के कई क्षेत्रों को इसमें शामिल कर जल्द ही यूपीएससीआर रीजन तैयार किया जाएगी. लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पहले ही चल रहा है.


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यह दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र (UPSCR) कहलाएगा. इससे इन इलाकों में भी आधुनिकीकरण, बेहतर रोड कनेक्टिविटी, पुल, सड़क का बेहतर जाल बिछेगा. उन्नाव शुक्लागंज, बाराबंकी, हरदोई के इन इलाकों के जुड़ने एयरपोर्ट तक भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. लखनऊ विकास प्राधिकरण को इस बाबत मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं. फिलहाल लखनऊ और कानपुर में मेट्रो सिटी भी शुरू हो चुकी है. 


राज्य राजधानी क्षेत्र के लिए योगी सरकार 16 सितंबर 2021 को एक खाका तैयार कर सरकार के समक्ष पेश कर चुकी है. गंगा बैराज से अमौसी हवाई अड्डे के सीधे संपर्क के लिए रैपिड रेल चलाने की योजना भी है.इसकी व्यावहार्यता रिपोर्ट भी अफसर तैयार कर रहे हैं.


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लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे की 6 लेन परियोजना शुरू हो चुकी है. इससे लखनऊ से उन्नाव होकर कानपुर की दूरी 30-40 मिनट में तय होगी. उन्नाव से लखनऊ की ओर ग्रीन फील्ड पर 6 लेन के एक्सप्रेसवे का अक्तूबर अंत से शुरू हो गया था. 2024 में इस 63 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का ज्यादातर निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. कानपुर, उन्नाव और समीपवर्ती जिलों को ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिलेगा. इस एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य पर 4200 करोड़ रुपये की लागत आएगी. 


इससे पहले बाराबंकी और उन्नाव के 1100 से अधिक गांवों को लखनऊ में शामिल किया जा चुका है. इससे लखनऊ विकास प्राधिकरण का दायरा काफी बढ़ गया है. एलडीए के नगरीय निकाय क्षेत्र में शामिल होने से यहां पेयजल, सड़क की बुनियादी सुविधाएं और बेहतर होंगी.


 


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