नीना जैन/सहारनपुर: ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए जमीन उपलब्ध होने के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से इस कार्य को धरातल पर उतारने की शुरुआत हो चुकी है. सहारनपुर जिले के नागल में ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहण की गई भूमि को किसानों के विरोध के बाद प्रशासन ने पुलिस बल के साथ किसानों के कब्जे से मुक्त कराया है. आपको बता दें कि एक समान मुआवजा न देने के कारण क्षेत्र के बेल्डा जुन्नारदार गांव के किसान अधिग्रहण भूमि देने का विरोध कर रहे थे.


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इससे पहले भी इसके लेकर किसान संगठनों के द्वारा धरना प्रदर्शन किए गए थे. आपको बता दें कि ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण की जिम्मेदारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौंपी गई है. शासन द्वारा से इस एक्सप्रेसवे निर्माण को लेकर भूमि अधिग्रहण का गजट महीनों पहले किया जा चुका है.


उप जिलाधिकारी के नेतृत्व में कब्जा मुक्त कराई भूमि
आपको बता दें कि दिल्ली-देहरादून के बीच केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर किसान विरोध कर रहे थे. गुरुवार को उप जिलाधिकारी सदर किशुंक श्रीवास्तव के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन की टीम ने हाईवे के लिए अधिग्रहण की गई भूमि कब्जा मुक्त कराई है. दरअसल, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा कार्य प्रारंभ किया जाना है. इसलिए जमीन कब्जे में ली गई है. 


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यह है मामला
करीब एक साल पहले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे दिल्ली देहरादून के लिए क्षेत्र के किसानों की जमीन का भूमि अधिग्रहण किया गया था, लेकिन क्षेत्र के गांव बेल्डा जुन्नारदार के किसान एक समान मुआवजा न मिलने के कारण अधिग्रहण की गई भूमि का विरोध करते चले आ रहे थे.


ह आस पड़ोस के गांव के आधार पर ही मुआवजा देने की मांग को कई बार धरना प्रश्न भी कर चुके थे, लेकिन गुरुवार को एसडीएम सदर किशुंक श्रीवास्तव के नेतृत्व में पुलिस बल के साथ हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों के द्वारा किसानों के विरोध के चलते अधिग्रहण की गई भूमि को कब्जा मुक्त कराते हुए हाईवे ने अपना कार्य शुरू कर दिया.


ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे लाइनिंग अधिकारी ने दी जानकारी
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे लाइनिंग अधिकारी दीक्षांत कुमार ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया,"आज जो कब्जा यहां पर हो रहा है इसका कारण यह है कि यहां पर पुलिस प्रशासन के लोग मौजूद हैं, जिसके कारण यहां पर कब्जा ले पा रहे हैं. किसानों का विरोध यह था कि जमीन का बड़ा मुआवजा मिलना चाहिए, मुआवजा बढ़ाने का जो अधिकार है वह डीएम के क्षेत्र में आता है. दूसरी बात यह विरोध सिर्फ रकबे को लेकर है जिनका छूटा हुआ रकबा है उसका हम अलग से गजट प्रकाशित करेंगे और जमीन अधिग्रहण उसी हिसाब से होगा." 


मुआवजा बढ़ाने के लिए किसान कर रहे थे विरोध
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे लाइनिंग अधिकारी दीक्षांत कुमार ने कहा, "यहां पर कुछ ही किसान ऐसे हैं जो विरोध कर रहे हैं. हमारी जमीन पड़ी हुई है तो वह आईडेंटिफाई कर ली गई है. जिन लोगों का रकबा बढ़ रहा है वह हमने देख लिया है. हम गजट के लिए उसको प्रस्तावित करेंगे."


उन्होंने कहा, "किसान इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि बगल में एनएच हाईवे निकल चुका है तो एनएच में सर्कल रेट के हिसाब से मुआवजा दिया जाता है. अब यहां पर इनका जो मुआवजा है वह कम है या ज्यादा है वह तो सर्कल रेट के हिसाब से मिले हैं. इनका कहना है कि हमारा सर्कल रेट कम है. सारे किसान आर्बिट्रेशन में गए हुए हैं आर्बिट्रेशन में ही निर्णय किया जाएगा"


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