Uttar Pradesh Economy: सीएम योगी के इकोनॉमिक मैनेजमेंट का असर, छोटे कारोबारियों ने भरी सरकार की तिजोरी, जानिए क्या है GST Composition Scheme
Uttar Pradesh News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ईज ऑफ डुइंग समेत सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम जैसे उपायों का असर दिखने लगा है. कोरोना संकट के बाद प्रदेश की इकोनॉमी तेजी से आगे बढ़ रही है. ख़ास बात यह है कि तरक्की के इस सफर में छोटे और मझोले कारोबारी केंद्र में हैं. जानिए किस स्कीम की वजह से बढ़ रहा प्रदेश का रहा सरकारी खजाना.
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के इकोनॉमिक मैनेजमेंट का असर है कि छोटे कारोबारियों ने सरकार की तिजोरी भर दी है. प्रदेश में पहली बार सरकार को पिछले साल जून माह की तुलना में इस साल जीएसटी कंपोजिट स्कीम (GST Composition Scheme)में 360 और रेग्यूलर जीएसटी में 50 फीसदी का ईजाफा हुआ है. इस दौरान ओवरआल जीएसटी कलेक्शन (GST Collection)भी 102 फीसदी बढ़ा है और इस साल जून माह तक कुल 25,916 करोड़ रुपए जीएसटी मिला है. जबकि पिछले साल इस दौरान 13,341 करोड़ जीएसटी ही मिला था.
पेट्रोलियम उत्पादों में सबसे अधिक ग्रोथ
प्रदेश में जीएसटी कलेक्शन में टॉप टेन सेक्टर की बात करें, तो पेट्रोलियम उत्पादों (मोबिल, 2टी आयल, ल्यूब्रिकेंट्स और ग्रीस) की बिक्री में पिछले साल की अपेक्षा इस साल जून माह तक करीब 50 फीसदी का उछाल आया है. दूसरे नंबर पर पिछले साल की अपेक्षा ऑटोमोबाइल सेक्टर में करीब 43 फीसदी अधिक बिक्री हुई है. इसी तरह तीसरे नंबर पर आयरन और स्टील में साढ़े 41.50 और चौथे नंबर पर केमिकल में करीब 41 फीसदी की बढोतरी हुई है. पांचवें नंबर पर एफएमसीजी में 26, छठे पर इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स में करीब 25 फीसदी और सातवें पर बिल्डिंग मटैरियल में 21 फीसदी अधिक जीएसटी फाइल की गई है. आठवें नंबर पर मशीनरी और पार्ट्स में 16.37, नौंवे नंबर पर सर्विस सेक्टर में दो फीसदी की उपलब्धि दर्ज की गई है.
राजस्व के मोर्चे पर सर्विस सेक्टर पहले पायदान पर
हालांकि अगर राजस्व के नजरिए से देखें, तो सर्विस सेक्टर प्रदेश में पहले पायदान पर है और सबसे अधिक 2433 डीलर जीएसटी में रजिस्टर्ड हैं. सरकार को वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में 1967.28 करोड़ का जीएसटी मिला था, जो अब दो फीसदी बढ़कर 2006.71 करोड़ रुपये हो गया है.
एक लाख से अधिक नए कारोबारियों ने रजिस्ट्रेशन कराया
सीएम योगी ने हाल ही में राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि जीएसटी में पंजीयन के लिए व्यापारियों को जागरूक करें. छोटे कस्बों में गोष्ठियां करें. वर्तमान में जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों की संख्या 26 लाख से अधिक है. अगले छह माह में इसे 30 लाख तक बढ़ाएं. सीएम योगी के लगातार निर्देशों के कारण अप्रैल से जुलाई के बीच जीएसटी में 1,03,052 नये कारोबारियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है.
फार्मा और मेडिकल उपकरणों में 6.35 फीसदी की कमी आई
सीएम योगी की आर्थिक नीतियों के कारण वर्तमान वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीएसटी में व्यापक पैमाने पर वृद्धि दर्ज की गई है. सरकार को फार्मा और मेडिकल उपकरणों में पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 334.71 करोड़ का जीएसटी मिला था. इस दौरान वैश्विक महामारी कोरोना का प्रभाव अधिक होने के कारण इस सेक्टर में उछाल था, लेकिन वर्तमान वित्त वर्ष के पहले तिमाही में परिस्थितियां अनुकूल होने के कारण 6.35 फीसदी की कमी आई है और सरकार को 313.46 करोड़ रुपए का जीएसटी मिला है.
यह है जीएसटी कंपोजिशन स्कीम
GST Composition Scheme करदाताओं के लिए जीएसटी के तहत एक सरल और आसान योजना है. छोटे करदाता कारोबार की निश्चित दर पर जीएसटी का भुगतान कर सकते हैं. इस योजना को किसी भी करदाता द्वारा चुना जा सकता है, जिसका कारोबार 1.5 करोड़ रुपए से कम है.