Meerut:भूरा व इमरान कुरैशी होंगे जिला बदर,पूर्व मंत्री याकूब के दोनो बेटों पर लगा गुंडा एक्ट
Meerut News: याकूब कुरैशी अभी भी सोनभद्र जेल में बंद है. जबकि दोनों बेटे इमरान और फिरोज जमानत पर छोड़ दिए गए थे. पुलिस के मुताबिक दोनों जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर रहे है.
मेरठ: सोनभद्र जेल में बंद पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी के दोनों बेटों पर गुंडाएक्ट लगा दिया गया है. अब दोनों को को किसी भी वक्त जिलाबदर किया जा सकता है. इससे जुड़ी सिफारिश डीएम को भेज दी गई. इसकी मंजूरी मिलने के बाद याकूब के दोनों बेटों को जनपद से बाहर कर दिया जाएगा. कोर्ट के आदेश पर सील किए मकान के भी अंदर घुसकर पार्टी करते पकड़े गए थे. उस समय फिरोज उर्फ भूरा के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया था. बताया गया कि आरोपित कोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं कर रहे है. जेल से छूटने के बाद अपने रिश्तेदार आबिद को भी थप्पड़ जड़ दिए थे.
हाजी याकूब कुरैशी निवासी 1113 सराय बहलीम थाना कोतवाली की खरखौदा के अलीपुर जिजमाना ढिकोली में स्थित अल फहीम मीटेक्स प्राईवेट लिमिटेड में अवैध रुप से मीट पैकेजिंग एवं प्रोसेसिंग का काम चल रहा था, जिस पर 31 मार्च 2022 को पुलिस, खाद्य सुरक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड और मेरठ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने छापामारी की, जिसमें याकूब परिवार समेत 17 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ था. आरोप था कि इस फर्म में 2019 को कार्य बंद करा दिया था. उसके बाद भी कार्य संचालित हो रहा था. उसके बाद पुलिस ने याकूब और उसके परिवार के सदस्यों समेत सात पर गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया.
सोनभद्र की जेल में बंद है याकूब कुरैशी
याकूब कुरैशी अभी भी सोनभद्र जेल में बंद है. जबकि दोनों बेटे इमरान और फिरोज जमानत पर छोड़ दिए गए थे. पुलिस के मुताबिक दोनों जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर रहे है. सराय बहलीम स्थित मकान की सील तोड़कर अंदर पार्टी करते हुए पुलिस ने पकड़ लिया था. उसके बाद जमानत निरस्तीकरण की रिपोर्ट भी भेज दी जा चुकी है.
गुंडा एक्ट में कार्रवाई
कोतवाली सीओ अमित राय के मुताबिक इमरान कुरैशी और फिरोज उर्फ भूरा के खिलाफ कोतवाली थाने से गुंडाएक्ट की कार्रवाई की जा चुकी है. साथ ही दोनों के जिलाबदर के लिए फाइल सिफारिश करने के बाद डीएम को भेज दी गई है.उनसे मंजूरी मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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ये होता है जिलाबदर
जनता में दहशत पैदा करने वाले अपराधी को निर्धारित समय के लिए जिला से बाहर कर दिया जाता है. यह कार्रवाई पुलिस की सिफारिश पर डीएम के द्वारा की जाती है. इसमें आदतन अपराधी 6 माह के लिए जिला बदर घोषित कर दिया जाता है. यानि छह माह तक वह अपने जिले की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकता है.
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