देहरादून: पहाड़ों की रानी मसूरी के बारे में आपने पढ़ा भी होगा और देखा भी होगा कि यह कितनी खूबसूरत है. सैलानी हों या फिर साहित्यकार, सभी को सदियों से आकर्षित करती रही है. मगर इसकी खूबसूरती के बीच में एक ऐसी रहस्यमयी जगह भी है, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं. जिसे लांबी देहर माइंस कहते हैं, यहां लोग जाने से घबराते हैं, जहां अजीबोगरीब आवाजें आती हैं क्योंकि यह बहुत सुनसान और बहुत वीरान है. इसे मौत की खदान भी कहा जाता है.


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लांबी देहर माइंस ऐसी माइंस है, जहां 90 के दशक में भारी संख्या में मजदूर खदान में काम करते थे. मगर मजदूरों की रहस्यमयी तरीके से मौत होने लगी. उनके साथ डरावनी घटनाएं होने लगीं और एक बार खदान में लैंडस्लाइड हुई. जिसमें भारी संख्या में मजदूर जिंदा दफन हो गए. इसके बाद लोगों का मानना है कि प्रेत आत्माएं रहने लगीं. जिसकी वजह से रात को रोने की चीखने चिल्लाने की आवाजें सुनाई पड़ती थीं. इसके बाद धीरे-धीरे खदान में खुदाई का काम बंद हो गया.


लोगों का कहना है कि यहां काम करने वाले मजदूरों को भयंकर बीमारियां हो जाती थीं. उनके सीने जकड़ जाते थे और उनकी मौत हो जाती थी. अजीबोगरीब घटनाओं से मजदूर परेशान हो गए. नब्बे के दशक में इस खदान में लंबी धार खदान में काम होता था. भारी संख्या में मजदूर काम करते थे मगर एक एक करके मजदूर जब मरने लगे तो उन्होंने इस खदान को छोड़ दिया. 


आपको बता दें, देहरादून से तकरीबन 35 किलोमीटर की दूरी पर मसूरी में लांबी देहर खदान मौजूद है. इस इलाके में कुल 3 बड़ी बिल्डिंग हैं, जो खंडार में तब्दील हो चुकी हैं और यहां अब कोई रहता नहीं है. माइंस के अभी भी निशान हैं लेकिन अब यहां किसी तरह से खुदाई का काम नहीं होता है. जिस तरह से माइंस में मजदूरों की मौत हुई और रहस्यमयी आवाजों वाली जगह की हकीकत जानने जी मीडिया पहुंचा. जहां समाने आया कि यहां कुछ आवाजें आती हैं लेकिन यह जानवरों या पक्षियों की हैं, इसको कह पाना मुश्किल है. मगर यहां भूत जैसा कुछ नहीं है. जिस तरह से वीरान सुनसान इलाका है, ऐसे में मन में तरह-तरह के ख्याल जरूर आते हैं, मगर भूत होने की ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.