Brain Tumor Symptoms: यक़ीनन  ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर समस्या है. ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण का जिक्र करते हुए डॉक्टर बताते है कि इस बीमारी को हल्के में बिल्कुल  भी न ले इसकी शुरुआत आपके सिर में हल्के दर्द से होती है. लेकिन जैसे- जैसे समय ​बीतता जाता है यह दर्द बढ़ने लगता है. एक समय के बाद सिर में यह दर्द इतना तेज हो जाता है कि हम इसे बर्दाश्त भी नहीं कर पाते हैं. ऐसे में सबसे जरूरी बात जो अक्सर ध्यान में रखनी है  वह यह कि अगर लगातार सिर में दर्द रहता है तो आप तुरंत डॉक्टर्स से संपर्क करें. 


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क्या है ब्रेन ट्यूमर? 
हमारे सिर में ब्रेन ट्यूमर के  ब्रेन की टिश्यूज असाधारण रूप से अचानक बढ़ने लग जाते है .जैसा कि हम जानते है की ब्रेन बेहद हार्ड खोपड़ी के अंदर बंद होता है. इसलिए सिर के अंदर टिश्यूज का बढ़ना एक बड़ी समस्या हो सकती है.


प्रकार
ब्रेन ट्यूमर  अलग- अलग प्रकार का होता है. कुछ ब्रेन ट्यूमर से कैंसर नहीं होता है साथ ही तो उसे सेकेंडरी या मेटास्टैटिक ब्रेन ट्यूमर भी कहा जाता है. जब भी ब्रेन ट्यूमर ब्रेन से शुरू होता है तो उसे प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर कहलाता है यदि शरीर के दूसरे अंग से शुरू होकर ब्रेन तक पहुंचता है तो उसे सेकेंडरी या मेटास्टैटिक ब्रेन ट्यूमर कहते है.


ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
.यदि आपके पहले सिर में लगातार हल्का दर्द रहता हो 
.समय के साथ सिर के दर्द का अधिक बढ़ जाना 
.अचानक से चक्कर आना, उल्टी आना
.आखों की रोशनी कम होना. या धुंधला दिखाई देना, हर चीज डबल दिखना
. अगर आपके हाथ- पैर में हमेशा सनसनी होना
. कई बार कोई भी चीज याद करने में समस्या होती रहती है.
. अक्सर बोलने या समझने में परेशानी होना 
. हमेशा सुनने, स्वाद या स्मेल में दिक्कत होने लगना 
. लिखने या पढ़ने में प्रॉब्लम आने लगना 


ब्रेन ट्यूमर से संबंधित ये टेस्ट करवाएं 


1. सीटी स्कैन- सीटी स्कैन करवाने से ब्रेन के अंदर के सभी पार्ट की फोटोज ली जाती है.जिससे ब्रेन ट्यूमर का पता चलता है.


2. एंजियोग्राफी- इस टेस्ट में डाई का उपयोग किया जाता है जिसे इंजेक्शन द्वारा लगाया जाता है इस डाई आपके ब्रेन की टिश्यूज में डाला जाता है. इसके जरिए डॉक्टर ये पता करते है की ट्यूमर तक ​ब्लड कैसे पहुंच रही है. ब्रेन की सर्जरी के वक्त यह जानकारी होना जरुरी होता है.


3.एमआरआई स्कैन-  ब्रेन ट्यूमर का सही इलाज करने के लिए  इमेजिंग टेस्ट किए जाते हैं जिसमे रेडियो सिग्नल की मदद से ब्रेन की संरचना से संबंधित जानकारियां होती है.