Health Tips: मीठे ड्रिंक्स पीने के हैं शौकीन तो हो जाएं सावधान, हो सकती है दिल की बीमारी
Beverage: आज के इस दौर में ज्यादातक लोग बाहर का खाना पीना पसंद करते हैं, इसलिए जरा-जरा सी उम्र में बच्चों को गंभीर बीमारियां लग जाती है. वहीं हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों और विकास ने बाद में देखना है.
Health Tips: अमेरिका की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च की है, जिसमें सामने आया है कि जो लोग ज्यादा मीठे ड्रिंक्स पीते हैं. उन्हें दिल संबंधी बीमारियां हो सकती हैं. क्या आप भी कोका-कोला, पेप्सी या फिर दूसरे मीठे ड्रिंक्स पीना पसंद करते हैं. अगर हां तो आप सावधान हो जाएं. क्योंकि जैसा कि हमने बताया कि एक रिसर्च में सामने आया है कि मीठे ड्रिंक्स पीने से दिल से जुड़ी समस्या हो सकती है. अमेरिका में स्थित एक्सपर्ट्स ने रिसर्च में पाया कि पॉपुलर ड्रिंक्स पीने से खून में शुगर लेवल में खतरनाक इजाफा हो सकता है.
बता दें कि मीठे ड्रिंक्स में फ्रुक्टोज नामक शुगर होता है, जिसका लेवल ड्रिंक्स में काफी अधिक मात्रा में होता है. फ्रुक्टोज प्राकृतिक रूप से फलों और सब्जियों के साथ-साथ नेचुरल फ्रूट जूस और शहद में होता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ड्रिंक्स पीने से शरीर में शुगर का लेवल बढ़ जाता है. हाई ब्लड शुगर लेवल का मतलब है कि ये आपके हार्ट को कंट्रोल करने वाले रक्त वाहिकाओं और नर्व को नुकसान पहुंचा सकता है. इससे लोगों को दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है.
इस पर रिसर्च करने कि लिए अमेरिका की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 40,000 लोगों की डाइट को ट्रैक किया है. इसका मकसद ये पता लगाना था कि शुगर उनके स्वास्थ्य को किस तरह प्रभावित करता है. इसके बाद उन्होंने बताया कि रिजल्ट से पता चलता है कि फ्रुक्टोज का प्रभाव अलग-अलग भोजन में अलग-अलग है.
रिसर्चर्स ने कहा कि फ्रूट जूस (जिसमें फ्रूक्टोज होता है) पीने से टाइप 2 डाटबिटीज का खतरा होता है, लेकिन ये हृदय को प्रभावित नहीं करता है. अगर कोई जूस के बजाय फल खाता है, तो ये ज्यादा फायदेमंद है, क्योंकि इससे न तो हृदय रोग का खतरा है और न ही डायबिटीज का. उन्होंने आगे बताया कि मीठे ड्रिंक्स और जूस से मिलने वाला फ्रूक्टोज तेजी से पच जाता है. वहीं इससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा होता है. आपकी पसंदीदा ड्रिंक्स भी दिल संबंधी बीमारियों को बढ़ा सकती हैं. अगर इस बात पर ध्यान दिया जाए तो हाल के दिनों में भारत में हार्ट अटैक के कई सारे मामले देखने को मिले हैं. आमतौर पर हार्ट अटैक का अधिकतर शिकार युवा लोग बन रहे हैं.