Lifestyle: स्वास्थ्य शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है. वहीं, आम जिंदगी में हमारी गलत आदतें जाने-अनजाने हमें बड़ी मुसीबत में डाल सकती हैं. उम्र बढ़ने के साथ-साथ ही शरीर में समस्याएं भी जगह बनाने लगती हैं, लेकिन कम उम्र में लापरवाही के चलते हम गंभीर बीमारियों और समस्याओं ग्रसित हो जाते हैं. दरअसल, इस समय बहुत कम उम्र में ही हमारी आंख कमजोर हो रही हैं और श्रवण क्षमता पर भी बुरा असर पड़ने लगा है. घंटो हेडफोन लगाकर गाने सुनना, फोन पर बातें करने से सुनने की क्षमता को प्रभावित कर रहा है.


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एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई कि भारत में सुनने में अक्षम लोगों का आंकड़ा लगभग 63 मिलियन पहुंच चुका है. ये आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं. हेल्‍थ एक्‍स्‍पर्ट का मानें तो खराब लाइफस्‍टाइल और भोजन में पौष्टिकता की कमी इन आंकड़ों के लिए जिम्मेदार है. दरअसल, कान हमारे शरीर का बहुत नाजुक अंगों है. इनकी देखभाल के लिए सावधानी रखना बहुत आवश्‍यक है, लेकिन लोगों की कुछ गलतें आदतें, बीते कुछ साल में लोगों की सुनने की क्षमता प्रभावित कर चुकी हैं. इसलिए आपको उन गलत आदतों के बारे में पता होना चाहिए. आइए बताते हैं पूरा मामला...


बंद कर दें ईयरफोन-हेडफोन का ज्यादा इस्तेमाल 
दरअसल, हम सब इन दिनों ईयरफोन- ईयरबड्स का आवश्‍यकता से ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं. इसके चलते तेज संगीत हमारे कान के पर्दों को बहुत नुकसान पहुंचा रहा है. ईयरफोन से कानों में लगातार आवाज तेज वॉल्यूम में पहुंचती है. जानकारों की मानें तो, ईयरफोन या ईयरबड्स की तुलना में हेडफोन ज्यादा सुरक्षित होता है. अगर हेडफोन का भी इस्तेमाल करना है, तो 60 प्रतिशत या उससे कम वॉल्यूम पर करें. 


कानों के लिए इयरबड्स नुकसानदायक
आपको बता दें कि अगर आप खुद रुई लेकर अक्सर कानों की सफाई करते हैं, तो सावधान हो जाएं. इससे आपका कान साफ हो न हो, लेकिन श्रवण क्षमता को हानि पहुंच सकती है. वहीं, बाजार में मिलने वाले कॉटन इयरबड्स का ज्यादा इस्तेमाल नुकसानदायक हो सकता है. इससे ईयरड्रम में छेद हो सकता है. अगर ऐसा हुआ तो, आपकी सुनने की क्षमता प्रभावित होगी. इसलिए अपने कानों की सफाई खुद करने से बचें. 


कानों की समस्या न करें अनदेखा
कई बार लोगों के कान में दर्द, तेज आवाज सुनाई देना, कानों में आवाज गूंजना या इसी तरह की कान संबंधी समस्याएं होती है लेकिन लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। इस तरह की लापरवाही भविष्य में कानों के लिए खतरनाक हो सकती है। कान संबंधी समस्याओं का आभास होने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। खुद से कोई दवा या ईयर ड्रॉप का इस्तेमाल न करें।


धूम्रपान से भी पड़ता है सुनने की क्षमता पर प्रभाव 
धूम्रपान को शरीर और सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता है। धूम्रपान हृदय और फेफड़ों को तो प्रभावित करता ही है, साथ ही कानो को भी नुकसान पहुंचाता है। अध्ययनों के अनुसार, धूम्रपान में पाया जाने वाला निकोटिन कानों में रक्त संचार पर असर करता है, जिससे कान की नाजुक कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है। स्टडी रिपोर्ट के अनुसार सेकेंड हैंड स्‍मोक के संपर्क में आने वाले किशोरों के श्रवण हानि के मामले अधिक पाए गए हैं। टिनिटस यानी कानों के बजने की समस्या भी धूम्रपान की वजह से बढ़ रही है।