Heart Failure: नाचते-गाते हो रही मौतों के पीछे की वजह स्पष्ट, हार्ट अटैक नहीं इस कारण से जा रही लोगों की जान
Heart Failure: कुछ दिन पहले मैदान में बैडमिंटन खेलते हुए 38 साल के एक शख्स की मौत हो गई थी. वहीं, एक शादी समारोह में डांस करते हुए एक युवक की जान चली गई थी. इन घटनाओं ने सबको चौंका दिया था. अब जानकारों ने इन मौतों की असल वजह बताई है.
Heart Failure: पिछले दिनों सोशल मीडियो पर कई वीडियो वायरल हो रहे थे. इसमें देखा जा सकता था कि कुछ लोगों की नाचते और गाते हुए मौत हो गई. इसके पीछे का कारण लोगों ने हार्ट अटैक बताया. लेकिन, असल में यह कुछ और ही था. जानकारों की मानें तो नाचते-गाते हुई मौतों के पीछे का असल कारण कार्डिएक अरेस्ट है. जानकारों का मानना है कि बिना किसी लक्षण के कार्डिएक अरेस्ट ही आता है.
ये हो सकती है मौत की वजह
जानकारों के मुताबिक, हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट में काफी अंतर होता है. इसके पीछे हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई या लो ब्लड प्रेशर ही जिम्मेदार नहीं होते, बल्कि कई बीमारियों के साथ छोटी सी चूक भी मौत के लिए जिम्मेदार होती है.
क्या है कार्डिएक अरेस्ट
कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर होता है. हार्ट अटैक में हार्ट तक खून नहीं पहुंच पाता, जिसके चलते इंसान की मौत हो जाती है. वहीं, कार्डिएक अरेस्ट में ऐसा नहीं होता. कार्डिएक अरेस्ट में अचानक से हार्ट काम करना ही बंद कर देता है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं.
हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट ऐसे पहचानें
जानकारों के मुताबिक, हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा तब पड़ता है, जब आर्टिरीज में ब्लड फ्लो रुक जाता है या खत्म हो जाता है. ऐसे में ऑक्सीजन की कमी से हार्ट का वह भाग मरने लगता है. वहीं, दूसरी तरफ कार्डिएक अरेस्ट में हार्ट का अचानक धड़कना बंद हो जाता है. ऐसी स्थिति में व्यक्ति के साथ कुछ भी हो सकता है.
बिना लक्षण के होता है कार्डिएक अरेस्ट
कार्डिएक अरेस्ट का लक्षण बिल्कुल नजर नहीं आता है. ये अचानक ही आता है. मरीज के गिरने की वजह कार्डिएक अरेस्ट ही है. जानकारों के मुताबिक, मरीज के गिरते ही उसकी पीठ और कंधों को थपथपाने के बाद भी कोई रिएक्शन नहीं मिलता है. मरीज की दिल की धड़कन अचानक से बहुत तेज हो जाती है और वह सामान्य तरीके से सांस नहीं ले पाता है. पल्स और ब्लड प्रेशर थम जाती है. ऐसे में दिमाग और शरीर के बाकी हिस्सों में ब्लड नहीं पहुंच पाता है.
ज्यादा मौतें कार्डिएक अरेस्ट से
वहीं, हार्ट अटैक के संकेत 48 से लेकर 24 घंटे पहले से मिलने लगते हैं और मरीज को संभलने और जान बचाने का मौका मिल जाता है, जबकि कार्डिएक अरेस्ट में ये मौका नहीं मिलता. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ही नहीं विदेश में भी हार्ट अटैक से ज्यादा मौतें कार्डिएक अरेस्ट से जाती है. हालांकि, इनकी पहचान देर से हो पाती है.
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