Shri Krishna Janmabhoomi: श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में हिन्दू और मुस्लिम पक्ष ने रखी दलील, 7 और 16 जुलाई को होगी सुनवाई
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर 5 जुलाई को मथुरा जिला अदालत में सुनवाई हुई. न्यायालय ने महेन्द्र प्रताप की याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख 7 जुलाई तय की है. वहीं इसी केस से जुड़ी एक अन्य याचिका पर 16 जुलाई को सुनवाई होगी. सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष ने कहा कि तकनीकि पेंच फंसाकर सच्चाई दबाने की कोशिश की जा रही है.
कन्हैया लाल शर्मा/मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में 5 जुलाई को सुनवाई हुई. लगभग आधे घंटे तक चली सुनवाई में हिन्दू और मुस्लिम पक्ष ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं. सिविल मामलों में 7/11 के तहत मुस्लिम पक्ष ने केस के नॉन मेंटेनेबल होने का दावा किया है. मुस्लिम पक्ष ने पहले केस मेंटेनेबल और नॉन मेंटेनेबल होने की याचिका पर सुनवाई की अपील की. वहीं हिंदू पक्ष याचिकाकर्ता ने शाही ईदगाह के सर्वे कराए जाने की मांग की. न्यायालय ने महेन्द्र प्रताप की याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख 7 जुलाई तय की है. अगली सुनवाई में सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत मुस्लिम पक्ष के आवेदन पर केस के चलने और न चलने की याचिका पर सुनवाई करेगी. वहीं इसी केस से जुड़ी एक अन्य याचिका पर 16 जुलाई को होगी सुनवाई होगी. यह याचिका मनीष यादव ने दाखिल की है.
विवादित जगह से मस्जिद हटाये जाने की मांग
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास नाम के संगठन के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका में मांग की गई है कि 13.37 एकड़ जमीन हिंदुओं को सौंपीं जाए और विवादित जगह से मस्ज़िद को हटाया जाए. वहीं दूसरी याचिका जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई वह मनीष यादव की है. नारायणी सेना नाम की संस्था के अध्यक्ष मनीष यादव ने कहा है कि मस्ज़िद की 2.65 एकड़ ज़मीन भगवान श्रीकृष्ण की हैउसे खाली करवाया जाए.
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दोनों पक्षों ने रखीं दलीलें
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर 5 जुलाई को हुई सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष ने कहा कि तकनीकि पेंच फंसाकर सच्चाई दबाने की कोशिश की जा रही है. दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलील में कहा कि पहले यह साबित किया जाए कि जमीन विवादित है नहीं. शाही मस्जिद के वकील की कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि बिना दूसरे पक्ष को सुने जिला जज ने आदेश दिया. शाही मस्जिद के वकील पहले मेंटेंबिलिटी पर सुनवाई की मांग कर रहे हैं. उनका तर्क है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सिविल मामलों में 7/11 पर सुनवाई करने का आदेश दिया है. हिंदू पक्ष का कहना है कि शाही ईदगाह की जमीन खुदवाई जाए वहां हिंदू प्रतीक चिन्ह जरूर मिलेंगे और इस दौरान वीडियोग्राफी भी की जाए.
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