History Of Murabba: जानें भारत में पहली बार कैसे आया मुरब्बा, बाबर औऱ इब्राहिम लोदी की जंग से जुड़ी है दिलचस्प कहानी
History Of Murabba: वैसै मुरब्बे की तरह उसकी हिस्ट्री में अलग-अलग होती है. कुछ लोगों का कहना है कि ये पहली बार फ़ारस में बना था.दरअसल, भारत में सहस्राब्दी पहले गन्ने से चीनी बनाना शुरू हुआ.
History Of Murabba: मुरब्बा सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है. ये शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में हेल्प करता है. इंडियन फैमिली में मुरब्बा सर्दी हो या गर्मी हमेशा खाने की थाली का हिस्सा होता है. मुरब्बा चाहे किसी भी फल का या सब्ज़ी का हो ये खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होता है. क्या आप जानते हैं कि मुरब्बा सबसे पहले कहां पर बनाया गया था. कैसे ये भारत पहुंचा...आज हम आपको मुरब्बे के इतिहास से जुड़ी हर कहानी बताएंगे.
वैसै मुरब्बे की तरह उसकी हिस्ट्री में अलग-अलग होती है. कुछ लोगों का कहना है कि ये पहली बार फ़ारस में बना था.दरअसल, भारत में सहस्राब्दी पहले गन्ने से चीनी बनाना शुरू हुआ. भारत से चीनी फ़ारस पहुंची. फारसी लोग इसे वहां औषधी के रूप में प्रयोग करने लगे. फिर वहां शुरू हुआ जैम बनाना जोकि कुछ-कुछ मुरब्बे जैसा ही होता है.
कुछ विद्वानों का मानना है कि मुरब्बा को अरबी, फारसी, उज्बेकी भाषा में भी प्रयोग किया जाता रहा है और सभी जगह इसका अर्थ एक ही हुआ-'मीठे संरक्षित फल'। जब खूबानी, आलूबुखारा, नाशपाती सरीखे फल कोई 500-600 साल पहले मध्य एशिया से भारत पहुंचे, तो मुरब्बे की सौगात वहीं से अपने साथ ले लाए. कुछ लोग इसका श्रेय आर्मीनियाई लोगों को देते हैं तो कुछ ईरानियों या तुर्कों को देते हैं.
मुरब्बा है अरबी शब्द
ऐसा भी कहा जाता है कि फारस से अरब के लोगों तक चीनी पहुंची. अरबों ने इसमें कुछ मसाले और जड़ी बूटियां मिलाकर फलों को कुछ दिनों तक रखने लगे. वो इन्हें बीमारियों से बचने के लिए खाते थे. वैसे ‘मुरब्बा’ शब्द भी अरबी मूल का है.
बाबर और इब्राहिम लोधी के युद्ध से जुड़ी है कहानी
इन कहानियों के अलावा एक और कहानी जो बाबर और इब्राहिम लोधी के युद्ध से जुड़ी है. जिसके मुताबिक, जब लाहौर के गवर्नर दौलत ख़ान लोधी ने बाबर को दिल्ली के बादशाह से युद्ध करने का निमंत्रण भेजा था तो उसने उस पैगाम के साथ आम का मुरब्बा भी भिजवाया था. ये अधपके हुए आम थे जिन्हें शहद में संरक्षित कर मुरब्बा बनाया गया था. बाबर को ये अंदाज़ बहुत ही पसंद आया था. कहा जाता है कि भारत में मुरब्बा तभी से शुरू हुआ.
भारत कैसे पहुंचा मुरब्बा
हमारे देश में मुरब्बा सेंट्रल एशिया से आया था. हालांकि, बाबर वाले क़िस्से से पता चलता है कि भारत में मुग़लों के आने से पहले ही मुरब्बा बनाने की तकनीक थी.
कुछ लोगों का मानना है कि पहली बार मुरब्बे को पुर्तगालियों ने बनाया था.ऐसा माना जाता है कि पुर्तगालियों ने बंगाल को मुरब्बा बनाना सिखाया था, जिसकी तर्ज पर आगे चलकर Birbhum-Er Morabba/ सुरी मुरब्बा विश्व प्रसिद्ध हुआ. ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण सबसे पहले राजनगर में किया गया था. सिउरी/सुरी में, मुरब्बा कच्ची सब्जियों और फलों से बनाया जाता रहा है, जिन्हें चाशनी में डुबोया जाता था।
शाही भोजन का हिस्सा
मुरब्बा पहली बार किसी ने भी बनाया हो, लेकिन ये मुग़लों का शौक़ ही था कि उन्होंने इसे शाही रसोई में पनाह दी. सेहत के लिए फायदेमंद मुरब्बे को आपको भी जरूर चखना चाहिए.
ये तत्व होते हैं मुरब्बे में
मुरब्बा पॉलीफेनोल्स, विटामिन सी, विटामिन ए, कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन जैसे पोषक तत्वों का पावरहाउस है.