अगर आपकी सैलरी टैक्स (Home Loa Tax Rate) के दायरे में आती है और आप घर खरीदने की सोच रहे हैं तो कर छूट का ये बेहतरीन विकल्प हो सकता है. लेकिन बहुत कम लोगों को ही पता है कि पहले ही नहीं दूसरे घर के होम लोन पर भी टैक्स बचाया जा सकता है. लेकिन पहले ये तय जरूर कर लें कि अपने वर्तमान घर की अगर आप पहले से ही ईएमआई (EMI) का भुगतान करते रहे हैं तो क्या दूसरे की किस्त भी आप चुका पाने की स्थिति में हैं. क्या आपके लिए दूसरा घर लेना उतना ही आसान होगा? दूसरा घर निवेश या किराये का साधन हो सकता है. दूसरे होम लोन पर होने वाले टैक्स बेनिफिट (Tax Benefit) के बारे में वित्तीय विश्लेषक कंपनी नो ब्रोकर (No Broker) ने कई अहम सुझाव दिए हैं.


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दूसरे घर के लिए टैक्स कैसे काम करता है?
आवासीय संपत्ति (Housing Property) के दो पहलू हैं – एक जिसमें आप खुद रहते हैं और दूसरा जो किराये पर दिया हुआ है. इसकी कर देनदारी Loan Rate) को समझने के लिए आपको इस बारे में जानने की आवश्यकता है.


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पहले औऱ दूसरे मकान में क्या अंतर
खुद रहने वाली संपत्ति (एसओपी), जिसे आप अपने घर के रूप में उपयोग करते हैं, को अन्य आवासीय संपत्ति से अलग पहचाना जाता है, जिसे "उधार दिया" या किराये पर दिया हुआ कहा जाता है. दूसरे घर को वैसे भी किराये पर दिया जाना माना जाता है. उस पर टैक्स लगाया जाता है, भले ही आप इसे किराये पर न दें. जिस घर को आप निजी कब्जे वाला मानते हैं उसका वार्षिक मूल्य शून्य है. यानी वो संपत्ति कर के अधीन नहीं है. हालांकि आपको अपने किराये की कमाई पर करों का भुगतान करना होगा. आपके किराये के घर का वास्तविक किराया "घर की संपत्ति से राजस्व" शीर्षक के तहत कर योग्य है.दूसरा घर भले किराये पर न चढ़ा हो, किराये पर माना जाता है. 



उप धारा 80सी कटौती
होम लोन में मूलधन और ब्याज भुगतान के दो हिस्से हैं. धारा 80सी 1.5 लाख रुपये तक के मूलधन के भुगतान पर टैक्स छूट देता है. दूसरे घर के गृह ऋण पर अधिकतम कर छूट हमेशा 1.5 लाख रुपये होगी, भले ही आप दूसरी चीज गिरवी रखते हों. 80सी में पीपीएफ,ईएलएसएस जैसे निवेश की छूट भी शामिल होती है. लिहाजा धारा 80सी दूसरे होम लोन पर आयकर लाभ अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक है.


दूसरे होम लोन के लिए कर लाभ
जिन लोगों के पास दो घर हैं, वे दूसरे होम लोन पर कई तरह से टैक्स लाभ उठा सकते हैं. लेकिन अगर आपने पहले ही अपने मार्टगेज का कुल भुगतान कर दिया है, तो ऐसा कोई लाभ नहीं होगा. 


1. दूसरे घर पर खुद का कब्जा
यदि आप अपने उपयोग के लिए एक से अधिक आवासीय संपत्ति के मालिक हैं, तो संपत्तियों में से एक को स्व अधिकृत माना जाएगा. इसका वार्षिक मूल्य शून्य होगा. यानी आयकर कानून के तहत उस पर कर देनदारी नहीं होगी.


2. खाली संपत्ति के कर प्रभावों की जांच
यदि आप एक से अधिक घर के मालिक हैं,तो आप दो "स्वअधिकृत संपत्तियों" (SOP) में से एक को अपने कब्जे में होने का विकल्प चुन सकते हैं. बाकी के घरों को डीम्ड लेट-आउट प्रॉपर्टी (DLOP) माना जाएगा. इससे कर योग्य आय (Taxable Income) किराये की राशि के बराबर बढ़ जाएगी.


3. दूसरे घर को किराये या लीज पर देना
यदि आप किराये या लीज के लिए दूसरा घर खरीदते हैं, तो आपको मिलने वाला वास्तविक किराया कुछ शर्तों के साथ आपकी कर योग्य आय का हिस्सा माना जाएगा.


4. नगर निगम करों के लिए कटौती
एक वित्तीय वर्ष में अगर इस तरह के करों का भुगतान किया जाता है, जैसे नगर पालिका को दिया हाउस टैक्स आदि. ये भारत में दूसरे होम लोन के तहत टैक्स छूट की अनुमति देता है.


5. रखरखाव, मरम्मत पर टैक्स छूट
निर्माणाधीन मकान के लिए दूसरे होम लोन पर 5 साल के लिए टैक्स बेनिफिट मिलेगा. निर्माण के पहले चरण के दौरान भुगतान किए जाने वाले ब्याज का 20 प्रतिशत राशि कुल देनदारी में घटा दी जाएगी.