अजित सिंह/लखनऊ: धर्मनगरी अयोध्या में त्रेता युग के वन गमन मार्ग व राम जानकी मार्ग के इतिहास के बारे में पूरी दुनिया जानती है. लेकिन केंद्र और प्रदेश सरकार अब भगवान राम के जीवन से जुड़े हर प्रेरक पक्ष को को जन-जन तक पहुंचाने में जुट गई है. इसके लिए अयोध्या से जुड़ने वाले लखनऊ-गोरखपुर मार्ग को श्री राम मार्ग के रूप में तैयार किया जा रहा है. 


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अयोध्या में प्रवेश करते ही भगवान राम के दर्शन
यानी अयोध्या में प्रवेश करते ही श्रद्धालुओं को भगवान श्री राम के कई रूपों का दर्शन मिलने लगेगा. अयोध्या पहुंचते ही कानों में भी राम के धुन गुनगुनाने लगेंगे. अयोध्या के नेशनल हाईवे को 6 लेन से जोड़े जाने के साथ ही रामायण के प्रसंगों के तर्ज पर सजाया जा रहा है. हाइवे पर सहादतगंज से रामघाट तक भगवान श्री राम के बाल्यकाल से लेकर वनवासी व राजाराम तक के अलग-अलग रूपों की मूर्तियां लगाई जा रही हैं. 


आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा
डीएम नीतीश कुमार मुताबिक दीपोत्सव के द्वारा NH-27 के डिवाइडर पर सौंदर्यीकरण कार्य चल रहा है. डिवाइडर पर वायर तथा केबिल तार लगाया जा रहा है. जब श्रद्धालु यहां प्रवेश करेंगे तो उनको मालूम चलेगा कि हम आध्यात्मिक नगरी में प्रवेश कर रहे हैं. दरअसल अयोध्या जिला प्रशासन की मंशा है कि दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालु अयोध्या और अध्यात्म की संपन्न विरासत को देख और समझ सकें. इससे हम लोग हर एक एक चीज को कनेक्ट कर रहे हैं. इसमें मूर्तियों से लेकर पेंटिंग भी शामिल हैं. 


विकास कार्यों में लाई जा रही तेजी
इसी कड़ी में राम की पैड़ी को विस्तार देने का काम शुरू किया जा रहा है. योगी सरकार अयोध्या के विकास पर केंद्रित विजन डॉक्यूमेंट पर काम कर रही है. इसके तहत पर्यटन विभाग से लेकर लोक निर्माण,धर्मार्थ कार्य विभाग सभी विभागों के साथ लगातार बैठकें हो रही हैं. इनका उद्देश्य अयोध्या से जुड़े विकास कार्यों में तेजी लाना है.