कानपुर देहात: देश की आजादी के 75 वीं वर्षगांठ को पूरे देश में बड़ी ही धूम धाम से मानने की तैयारी जोरो पर है. वहीं, हर घर तिरंगा की मुहिम पूरे देश में शुरू कर दी गई है, लेकिन कानपुर देहात में जहां अधिकारी लगभग तीन लाख तिरंगे को फहराने का दावा कर रहे हैं. कानपुर देहात के सरकारी कार्यालयों को भी तिरंगे के रंग में रंगा जा रहा है. क्या गांव, गलियां, हैंडपंप, बिजली के खंभों को भी तिरंगे के रंग में रंगा जा रहा है. इन सबके बीच अधिकारियों के दावों की पोल खोलती एक तस्वीर सामने आई है, जो बड़े सवाल खड़े कर रही है.


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कानपुर देहात का मामला
दरअसल, आप इन तस्वीरों को जरा गौर से देखिए. ये तस्वीर कानपुर देहात के संदलपुर ब्लॉक के असलनापुर गांव की हैं. जहां तेजी से रंग रोगन का कार्य चल रहा था. समस्या तब खड़ी हुई जब, तिरंगे का रंग स्कूल और ग्राम सचिवालय आदि स्थानों पर होना शुरु हुआ. यहां पेंटिंग के जरिए तिरंगा बनाया जा था, लेकिन झंडे को वो दीवारों पर पेंट के जरिए बनवा रहे लोग तिरंगे का रंग ही भूल गए. 


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तिरंगे में केसरिया की जगह लगा लाल रंग 
आपको बता दें कि तिरंगे में केसरिया रंग की जगह, हर स्थान पर लाल रंग को ही केसरिया समझ कर पोत दिया गया. इस नासमझी पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. जब इस बाबत दीवारों पर पेंट कर रहे पेंटर से रंग पूछ तो उसने पहले केसरिया की जगह लाल रंग का नाम बताया, जिसके बाद उसने बताया कि ये लाल रंग है, केसरिया नहीं है.  वहीं ग्रामीणों ने बात कि लगाया गया ये गहरा लाल रंग हैं, केसरिया नहीं है.


इस मामले में खंड विकास अधिकारी ने दी जानकारी
इस पूरे मामले में धनप्राप्त खंड विकास अधिकारी से बात की गई. उन्होंने बताया कि इस गलती को स्वीकार भी किया है. आगे से ऐसी चूक न हो इसकी कड़ी हिदायत दी गई है. साथ ही उन्होंने इस चूक के लिए जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही है.


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