यूपी के इस रेलवे स्टेशन पर टिकट लेने के बाद नहीं करते यात्रा, वजह भी हैरान करने वाली
Ajab Gajab: देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने 1954 में तत्कालीन रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री से यहां स्टेशन बनवाने का आग्रह किया था. पं. नेहरू के आग्रह पर ही रेलवे स्टेशन बनाया गया था. अब स्थानीय लोग हर महीने टिकट खरीद रहे हैं.
Indian Railway Interesting Fact: ट्रेन से यात्रा के लिए रेल टिकट अति आवश्यक होता है. बिना टिकट लिए आप ट्रेन से यात्रा नहीं कर सकते. क्या हो जब लोग रेल टिकट खरीदे लेकिन यात्रा न करें. जी हां आप सही सुन रहे हैं यूपी का एक ऐसा रेलवे स्टेशन है जहां लोग टिकट खरीदते हैं, लेकिन कभी यात्रा नहीं करते. इसके पीछे की कहानी जानकर हर किसी के होश उड़ जाएंगे.
स्टेशन बंद करने की वजह हैरान करने वाली
दरअसल, यूपी के प्रयागराज जिले में दयालपुर रेलवे स्टेशन है. रेलवे स्टेशन के आसपास के गांव वाले यहां से रेल टिकट तो खरीदते हैं, लेकिन कभी ट्रेन से यात्रा नहीं करते. इसके पीछे की वजह भी हैरान करने वाली है. बताया जाता है कि देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने 1954 में तत्कालीन रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री से दयालपुर में रेलवे स्टेशन बनवाने का आग्रह किया था.
देश के पहले प्रधानमंत्री की मांग पर बना था स्टेशन
पं. नेहरू के आग्रह पर दयालपुर में रेलवे स्टेशन बन गया. जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे दयालपुर रेलवे स्टेशन के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा. आखिरकार 2006 में दयालपुर रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया गया. स्टेशन बंद करने के पीछे की वजह बताई गई इस क्षेत्र से टिकट की कम बिक्री होना.
स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रयास से दोबारा शुरू हो सका स्टेशन
इसके बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रयास से साल 2020 में इस स्टेशन को दोबारा शुरू कर दिया गया. अब क्षेत्रवासियों को डर है कि कहीं ये यह स्टेशन दोबारा न बंद हो जाए इसके लिए गांव के लोग अपनी क्षमतानुसार टिकट खरीद रहे हैं. टिकट खरीदने के मानक को पूरा करने के लिए स्थानीय लोग अपनी तरफ से टिकट खरीदते हैं. हालांकि वह कभी यात्रा नहीं करते.
हर महीने 700 रुपये का खरीद रहे टिकट
बता दें कि स्थानीय लोग हर महीने करीब 700 रुपये का टिकट खरीद कर रहे हैं, ताकि दोबारा स्टेशन बंद न हो सके. स्थानीय लोगों का कहना है कि अभी दयालपुर रेलवे स्टेशन पर सिर्फ एक ट्रेन रुकती है. लंबे समय से लोग और ट्रेनों के ठहराव की मांग करते रहे हैं.