लखनऊ: हर साल पूरी दुनिया में 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य बाघों की घटती हुई संख्या पर नियंत्रण करना है. बाघ को टाइगर के नाम से भी जाना जाता है. बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है. इसके साथ ही दुनिया भर के 70 % से अधिक बाघ भारत में पाए जाते हैं. इसलिए भारत के लिए यह दिन और भी खास हो जाता है. भारत में बाघों की संख्या साल 2023 में 3167 हो गई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चार सालों में बढ़ी बाघों की संख्या
जानकारी के मुताबिक पिछले चार सालों में भारत में बाघों की संख्या में 200 का इजाफा हुआ है. साल 2023 में यह आंकड़ा 3167 तक पहुंच गया है. बताया जा रहा है देश में लगातार बाघों की संख्या बढ़ रही है. आंकड़ो के मुताबिक साल 2006 में देश में बाघों की संख्या 1411 थी, 2010 में 1706 हुई, 2014 में 2226, 2018 में 2967 और 2023 में यह संख्या 3167 हो गई है. यह बाघ देश के विभिन्न टाइगर रिजर्व में मौजूद हैं. लोग इन नैशनल पार्क्स में जाकर टाइगर सफारी कर बाघों को घूमते देख सकते हैं. 


व्हिस्की, वाइन में सोडा या पानी मिलाकर पीना सही या खतरनाक, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट


यूपी के टाइगर रिजर्व
उत्तर प्रदेश में तीन टाइगर रिजर्व मौजूद हैं. इसमें दुधवा टाइगर रिजर्व नेपाल बार्डर से लगे लखीमपुर खीरी और बहराइच जिले में स्थित है. इस समय यहा बाघों की संख्या 105 हो गई है. अमनगढ़ टाइगर रिजर्व बिजनौर जिले के अमनगढ़ में स्थित है. यह 95 किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला है. पीलीभीत टाइगर रिजर्व यूपी के पीलीभीत और शाहजहांपुर जिले में स्थित है. अनुमान है कि अभी यहां टाइगर की संख्या 80 के पार है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में चौथा टाइगर रिजर्व चित्रकूट जिले में बनेगा. इसका नाम रानीपुर टाइगर रिजर्व होगा.


WATCH : कठिन समय में हिम्मत ना हारें यूपी सरकार दे रही आपको 30 हजार रुपये