देवबंद : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा शिवलिंग पर जल चढ़ाने को लेकर सियासत गरमा गई है. अब इत्तेहाद उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उलेमा मसूद अहमद कासमी ने इसे गलत बताया है. उन्‍होंने कहा कि जिस तरह से महबूबा मुफ्ती ने शिवलिंग पर जल चढ़ाकर पूजा-अर्चना की, वह गलत है, शरीयत के खिलाफ है. मुसलमानों को इससे बचना चाहिए. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

महबूबा मुफ्ती से छीना जाएगा उनका धर्म 
इत्तेहाद उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुफ्ती असद कासमी ने कहा क‍ि इस्‍लाम क्‍या कहता है, यह देश का हर मुसलमान जानता है. जम्‍मू कश्‍मीर की पूर्व मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी जानती हैं. इसके बावजूद उन्होंने ऐसा क्यों किया? इसके बारे में वे ही बता सकती हैं. महबूबा मुफ्ती ने जो किया है, वह उनके धर्म को छीन लेगा. उन्होंने जो किया है, वह इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है. 


महबूबा मुफ्ती द्वारा जलाभिषेक की तस्‍वीरें वायरल 
बता दें कि पीपुल्‍स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की चीफ महबूबा मुफ्ती बीते दिनों पुंछ के नवग्रह मंदिर पहुंची थीं. वहां उन्होंने शिवलिंग पर जल चढ़ाया था. उन्होंने मंदिर में लगी यशपाल शर्मा की मूर्ति पर फूल भी चढ़ाए थे. इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. वहीं, देवबंद के मौलाना असद कासमी ने महबूबा के मंदिर जाने और वहां शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विरोध करते हुए कहा है कि महबूबा ने जो किया, वह गलत है. यह इस्लाम के खिलाफ है. 


महबूबा इससे पहले भी जा चुकी हैं मंदिर 
वहीं, भाजपा ने महबूबा के मंदिर जाने को ड्रामा बताया है. पार्टी ने कहा कि कभी महबूबा ने अमरनाथ धाम के लिए जमीन देने से इनकार कर दिया था. इससे पहले महबूबा 2017 में गांदरबल के खीर भवानी मंदिर में भी जा चुकी हैं, तब वे जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री थीं. वहीं, महबूबा मुफ्ती ने अपनी सफाई में कहा है कि यह मंदिर पीडीपी के बड़े नेता यशपाल शर्मा ने बनवाया था. उनका बेटा चाहता था कि मैं मंदिर के अंदर जाऊं. जब मैं अंदर गई, तो किसी ने मुझे जल से भरा बर्तन थमा दिया. अगर मैं उसे लौटा देती तो गलत होता. इसलिए मैंने वह जल चढ़ा दिया. 


Watch: भाजपा विधायक ने खोली भ्रष्टाचार की पोल, हाथ से ही उखाड़ी 40 करोड़ से बनी सड़क