कानपुर: मशहूर जादूगर ओपी शर्मा का रविवार को 76 साल की उम्र में निधन हो गया. कानपुर के बर्र दो में रहने वाले ओपी शर्मा गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे. जिनका कल्याणपुर क्षेत्र में स्थित नर्सिंग होम में पिछले 1 सप्ताह से इलाज चल रहा था. वह समाजवादी पार्टी से गोविंद नगर विधानसभा से चुनाव भी लड़ चुके हैं. बता दें, ओपी शर्मा को देश-दुनिया में जादू के लिए जाना जाता था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मूल रूप से बलिया के रहने वाले ओपी शर्मा का जन्म 1 अप्रैल 1952 को हुआ था. सन 1971 में उनकी नौकरी स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री लग गई. इसके बाद में वह कानपुर में रहने लगे. यहां बर्रा-2 में उन्होंने अपना घर बनवाया है, जिसे भूत बंगले के नाम से जाना जाता है. उन्होंने देश दुनिया में हजारों शो किए. जादू में महारत की वजह से उन्हें माया नगरी का बादशाह कहा जाता था. इंडियन मैजिक मीडिया सर्किल ने उन्हें नेशनल मैजिक अवार्ड 2001 व शहंशाह ए जादूगर की उपाधि दी थी. उनके शो में इंद्रजाल सबसे बड़ा आकर्षण होता था.


ओपी शर्मा उम्र की वजह से पिछले कई सालों से मैजिक शो नहीं कर रहे थे. उन्होंने अपना आखिरी शो 2018 में किया था. उनके बाद से उनके मंझले बेटे सत्यप्रकाश शर्मा मैजिक शो कर रहे हैं. इन्हें ओपी शर्मा जूनियर के नाम से जाना जाता है. ओपी शर्मा के बारे में कहा जाता है कि जादू की कला अपने बड़े भाई देवता नंद शर्मा से सीखी. जैसे जैसे वह बड़े हुए और उन्होंने जादू की दुनिया में अपना बना लिया.


ओपी शर्मा हमेशा कहते थे कि दुनिया में काला जादू जैसी कोई चीज नहीं है बल्कि जादू आंखो का भ्रम है. वह कई बार अपने शो के दौरान सामाजिक संदेश भी देते थे. साथ ही साथ लोगों को तांत्रिकों के जादू से बचने के लिए जागरूक भी करते थे. उन्होंने कभी भी यह कहने से परहेज नहीं किया कि जादू साउंड लाइट और जादूगर की तेजी का नतीजा है. उन्होंने जादू के दौरान हाथ से भभूति निकाल कर दिखाया कि यह केमिकल रगड़ने से निकलती है ना कि किसी जादू से. ओपी शर्मा के निधन की सूचना पर मेयर प्रमिला पांडे, सांसद सत्यदेव पचौरी सहित कई राजनीतिक लोगों ने भी शोक जताया.