अजीत सिंह/जौनपुर: यूं तो पेट से तौलिया, रुमाल, कैची , ग्लब्स निकलते आपने सुना और देखा होगा लेकिन पेट से गिलास निकलना आश्चर्य चकित करने वाली बात है. महाराजगंज ब्लॉक के कोटवा भटौली गांव निवासी समरनाथ (उम्र 50 वर्ष) का उसके पेट का ऑपरेशन कर गिलास निकालकर डॉक्टर सिद्धार्थ ने उसकी जान बचाई. 


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जानिए क्या है पूरा मामला
समरजीत को तीन-चार दिन से पेट में तेज दर्द था. वह कई अस्पतालों में गया, वहां पर कोई राहत नहीं मिली. उसके बाद रिश्तेदारों से पता चलने पर वह वाजिदपुर स्थित सिद्धार्थ हॉस्पिटल में आकर डॉक्टर लाल बहादुर सिद्धार्थ को अपने पेट के दर्द के विषय में बताया डॉक्टर सिद्धार्थ में मरीज का एक्सरे कराया और देखा कि पेट में मोटे टाइप का कुछ दिख रहा है. उसके बाद डॉक्टर सिद्धार्थ ने उसका ऑपरेशन किया. जिसमें पता चला कि उसके पेट में एक गिलास है. 


मामले की जानकारी देते हुए डॉ. लाल बहादुर सिद्धार्थ ने बताया कि हमारे पास एक मरीज हर्निया के ऑपरेशन के लिए आया और कहा कि मेरे पेट में दर्द है. मेरा ऑपरेशन कर दे. डॉक्टर ने पहले एक्स-रे कराया तो देखा कि पेट में एक स्टील का फुल साइज का गिलास है. डॉक्टर की पूरी टीम ने घंटों कड़ी मशक्कत के बाद ऑपरेशन से गिलास को सकुशल निकाल दिया. 


सबसे बड़ा सवाल, आखिर पेट में कैसे पहुंचा गिलास?
गिलास निकलने के बाद लोगों में तरह-तरह का चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर पेट के अंदर गिलास कैसे गया. वहीं, मरीज अमरनाथ के मुताबिक गांव में ही कुछ लोगों से मेरा विवाद हुआ था. लोगों ने शराब पिलाकर उसके प्राइवेट पार्ट में गिलास डाल दिया. जब मुझे होश आया दर्द होना शुरू हुआ. 5 दिन तक पेट में हल्का हल्का दर्द होता रहा और खाना पीना भी बंद हो गया .उसके बाद डॉक्टर के पास गए वह पर एक्सरे किया गया तो पता चला कि पेट में एक स्टील का फुल गिलास है. फिलहाल मरीज का ऑपरेशन के बाद अब आराम भले ही हो गया है लेकिन लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है. 


हालांकि जिस तरह का यह मामला सामने आया है लोगों को यह बात गले नहीं उतर रही है. लोगों में यह चर्चा है कि आखिर पेट के अंदर इतना बड़ा गिलास कैसे गया, इस बात की चर्चा क्षेत्र में बनी हुई है.