झांसी : झांसी जिला कारागार में रखे गए बंदियों को तरह-तरह के व्‍यावसायिक हुनर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ताकि रिहाई के बाद वे समाज की मुख्‍यधारा में शामिल होकर अपनी आजीविका का इंतजाम कर सकें. यहां कैदियों को अंग्रेजी बोलना और कंप्‍यूटर चलाना सिखाया जा रहा है.     


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4 बैच में 108 बंदियों को दिया गया प्रशिक्षण 
दरअसल, झांसी जिला जेल में कौशल विकास मिशन के तहत बंदियों को विभिन्न तरह के व्यावसायिक प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं. बंदियों को सिलाई-कढ़ाई और ऑर्गेनिक खेती का प्रशिक्षण देने के लिए अभी कुछ समय पहले चार बैच शुरू किए गए थे. इसमें 27 प्रशिक्षुओं के हिसाब से चार बैच में 108 बंदियों को सिलाई-कढ़ाई और ऑर्गेनिक खेती का प्रशिक्षण दिया गया. चार बैच का प्रशिक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है. प्रशिक्षण को लेकर बंदियों की रुचि देखते हुए अब दो और नए बैच शुरू किए जाएंगे. 


कम्‍प्‍यूटर चलाना भी सीखेंगे 
झांसी जिला कारागार के अधिकारियों ने बताया कि इन सभी प्रशिक्षु बंदियों को अंग्रेजी भाषा बोलने और कम्‍प्‍यूटर चलाने का भी सामान्य प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इन बैचों में प्लंबरिंग, मोटर बाइंडिंग सहित अन्य तरह के टेक्निकल प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे. ताकि बंदी रिहा होने के बाद किसी भी क्षेत्र में अपनी किस्‍तम आजमा सकते हैं. नए बैच के लिए बंदियों का चयन शुरू कर दिया गया है. जल्‍द ही इनका प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा. 


योगी सरकार की मंशा, हुनर से लैस हों कैदी 
झांसी जिला कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर पटेल ने बताया कि योगी सरकार की मंशा है कि कैदियों को व्यावसायिक कौशल का प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे उन्हें आजीविका और रोजगार के हुनर से लैस कर भविष्य के लिए आत्मनिर्भर बनाया जा सके. कारागार से निकलने के बाद ये लोग इस हुनर का उपयोग कर काम-धंधे कर समाज की मुख्यधारा में लौट सकेंगे. शासन के निर्देश पर हमने अभी कुछ समय पहले जेल में प्रशिक्षण के चार बैच शुरू किए थे, जो पूरे हो गए हैं. अब बहुत जल्द दो नए बैच शुरू होने हैं, जिसके लिए प्रक्रिया चल रही है.