नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है. ठगों ने एक युवक को एफसीआई में नौकरी दिलाने के नाम पर साढ़े तीन लाख रुपये ठग लिए. वहीं पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि इस मामले के मास्टरमाइंड को पकड़ने के लिए पुलिस की एक टीम लगातार छापेमारी कर रही है. पुलिस के मुताबिक गिरोह के मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के बाद इस तरह के और भी कई ठगी के मामलों का खुलासा हो सकता है.


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नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले इस गिरोह का खुलासा बाराबंकी की देवा थाना पुलिस ने किया है. यह गिरोह बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर पहले बहलाता-फुसलाता था. फिर उससे लाखों की रकम ऐंठ लेता था. देवा थाने की पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, आरोपियों में बाराबंकी का रहने वाला उदय भान वर्मा और कानपुर का आलोक कुमार श्रीवास्तव शामिल हैं.


इन दोनों ने भानु प्रताप नाम के एक शख्स को अपने जाल में फंसाया और फिर उसे एफसीआई में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। इसके लिए उसके सामने पांच लाख रुपए की डिमांड रखी. इतना ही नहीं इन लोगों ने भानु प्रताप को एक फर्जी नियुक्ति पत्र देकर उससे साढ़े तीन लाख रुपए भी ले लिए. 


आरोपी भानु प्रताप से बाकी की रकम लेने की फिराक में थे, लेकिन उससे पहले पुलिस ने इन दोनों को दबोच लिया. साथ ही नियुक्ति पत्र भी बरामद कर लिया. वहीं गिरफ्तार आरोपियों ने पैसों के लिए इस तरह की ठगी करने की बात कबूली है. 


बाराबंकी के अपर पुलिस अधीक्षक डॉ अखिलेश नारायन सिंह ने बताया कि इस मामले के सामने आते ही देवा थाने के प्रभारी निरीक्षक पंकज सिंह ने तत्काल छापेमारी शुरू की और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड कानपुर का रहने वाला हैं, जो अभी पुलिस की पकड़ से दूर है.


पुलिस की टीम उसकी गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही है. पुलिस के मुताबिक गिरोह के मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के बाद इस तरह के और भी कई ठगी के मामलों का खुलासा हो सकता है.