प्रभम श्रीवास्तव/कन्नौज : लगभग एक हजार साल पहले बंदी बनाकर यूरोप के देशों में ले जाए गए भारतीय मूल के रोमा या रोमानिया समुदाय के लोगों का कनेक्शन अब इतिहास की नगरी कन्नौज से जुड़ गया है. उनकी याद में कन्नौज में 4 करोड़ रुपये की लागत से स्मारक बनाया जाएगा. केंद्र सरकार ने इसके प्रस्ताव की मंजूरी दे दी है. इसकी जानकारी प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण ने दी है. मंत्री असीम अरुण ने बताया कि महमूद गजनवी ने जब भारत पर हमला किया था तो वह भारत से 70 हजार लोगों को बंधक बनाकर ले गया था. इसमें कुछ लोग कन्नौज के शामिल थे. 11 वीं सदी में सर्वाधिक पीड़ा सहकर बिखरे रोमा समुदाय का अब हर साल कन्नौज की धरती पर समागम होगा.


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भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने बताया कि कन्नौज की धरती से बंधक बनाकर विदेश ले जाए लोग भगवान राम को नहीं भूले. इसलिए उनकी यादें ताजा करने के लिए एक समारक बनाया जाएगा और हर साल कन्नौज की धरती में जन्मे रोमा समुदाय के लोग यहां आकर अपनी मातृभूमि से रूबरू होंगे. मुगल आक्रांता महमूद गजनबी ने 11वीं सदी में कन्नौज राज्य पर आक्रमण किया था. उस वक्त यहां रहने वाले अलग-अलग विधाओं में पारंगत लोगों को गजनवी की फौज ने बंधक बना लिया था और फिर वह उन लोगों को अपने देश ले गया. जहां उनके अत्याचार को सहते हुए किसी तरह कन्नौज के लोगों ने अपना जीवन व्यतीत किया.  
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मुगल आक्रांताओं के अत्याचारों से बचने के लिए कन्नौज के लोगों का दायरा धीरे-धीरे कई अन्य देशों में फैल गया. एक हजार साल से वह लोग फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, लतीवा, रूस, सार्बिया, हंगरी, क्रोएशिया, स्वीडर, नीदरलैंड, इटली, अल्बानिया, रोमानिया, तुर्की, पोलैंड समेत कई देशों में बस गए. लगभग 4 साल पहले कन्नौज पहुंचे रोमानिया समुदाय के लोगों ने बीजेपी विधायक की मदद से यहां की सरकार से कुछ मांगें कीं थीं. उन मांगों पर विचार करते हुए भारत सरकार ने रोमानिया समुदाय के लिए कन्नौज में एक स्मारक बनाने की मंजूरी प्रदान कर दी.


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