कन्नौज के गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ला की रहने वाली 12 वर्षीय बालिका मिट्टी की गोलक खरीदने के लिए बाजार गई थी. रविवार की शाम बालिका खून से लथपथ बदहवास हालत में डाक बंगला गेस्ट हाउस को पीछे पड़ी मिली. बालिका के साथ दुष्कर्म कर फेंके जाने की आशंका जताई जा रही है. सूचना पर पहुंची पुलिस ने बालिका को अस्पताल में भर्ती कराया. जहां हालत गंभीर परिजन व पुलिस बालिका को तिर्वा मेडिकल कॉलेज ले गए. हालत में सुधार होता न देख डॉक्टरों ने कानपुर रेफर किया गया था, जहां दो दिनों से उसका उपचार किया जा रहा है.गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी व्यक्ति की 12 वर्षीय बेटी रविवार की दोपहर मिट्टी की गोलक लेने के बाजार गई थी. जब बालिका शाम तक घर वापस नहीं लौटी तो परिजनों को चिंता हुई. जिसके बाद परिजन बेटी की खोजबीन में जुट गए. परिजन खोजबीन कर रहे थे कि उन्हें जानकारी हुई कि
बच्ची खून से लथपथ बदहवास हालत में डाक बंगला गेस्ट हाउस के पीछे पड़ी है.


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बताया जा रहा है कि डाक बंगला के अंदर कुछ बच्चे बकरियां चरा रहे थे. उसी समय बच्चों ने बालिका को झाड़ियों में लहूलुहान पड़ा देखा. बच्चों ने घटना की सूचना निरीक्षण भवन के चौकीदार सूबेदार को दी. घटना की जानकारी होते ही मौके पर भीड़ लग गई. चौकीदार ने मामले की सूचना पुलिस को दी. घटना की सूचना मिलते ही मौके पर कस्बा प्रभारी मनोज कुमार पांडेय पहुंच गए और संदिग्ध अवस्था में लहूलुहान पड़ी बालिका को रास्ते से निकल रहे एक ऑटो को रूकवाकर अस्पताल में ले गए, इस दौरान वह अपनी गोद में घायल बालिका को लेकर दौड़ते नजर आए जिसका वीडियो भी सामने आया है,


हालत गंभीर होने पर मेडिकल कॉलेज के लिए रिफर कर दिया गया है. यहां भी हालत में सुधार होता न देख डॉक्टरों ने कानपुर रेफर कर दिया.लोगों में चर्चा है कि बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने के बाद दरिंदों ने लहुलूहान अवस्था में फेंक दिया. हालांकि पुलिस दुष्कर्म की घटना से इनकार कर रही है.


मामले को लेकर कन्नौज सदर सीओ प्रियंका बाजपेई ने बताया कि बालिका का उपचार कानपुर स्थित हैलट में कराया जा रहा है उसके सिर में चोट आने की बात सामने आई है वही 5 डॉक्टरों का पैनल भी बनाया जाएगा जो कि उसका परीक्षण करेगा जिससे कि घटना के पीछे के और पहेलियों को सुलझाया जा सके.