श्याम तिवारी/कानपुर: कानपुर के एक बाबू शमशाद का पत्नी को मनाकर घर लाने के लिए छुट्टी के लिए लिखा गया प्रार्थनापत्र खूब वायरल हुआ था. जिसके बाद शमशाद ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी थीं. वहीं, अब शमशाद की छुट्टी सार्थक साबित हुई है और उनकी बीवी मायके से वापस आ गई है. शमशाद उसे मनाने में कामयाब हो गए हैं. 


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सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था छुट्टी के लिए लिखा गया पत्र
दरअसल, शमशाद अहमद का निकाह शाहजहां के साथ 1985 में हुआ था. बुधवार को शमशाद अहमद बड़ी जद्दोजहद के बाद पत्नी को मायके से अपने घर ले आए. अब उनकी पांचों बेटियां और दोनों बेटे अम्मी की वापसी से खुश हैं. खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय प्रेमनगर में लिपिक शमशाद ने पत्नी के रूठ कर मायके जाने पर जब छुट्टी के लिए आवेदन किया तो पत्र वायरल हो गया. उन्होंने प्रार्थना पत्र में लिखा था, पत्नी से प्यार मोहब्बत की बात को लेकर कुछ तकरार हो गई. 


पत्नी को मायके से मनाकर लाने के लिए उन्होंने अवकाश मांगा था. खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय प्रेम नगर में कार्यरत लिपिक को इस आग्रह के बाद तीन दिन का अवकाश स्वीकृत कर दिया गया था. स्टेशन छोड़ने की अनुमति भी दे दी गई थी. आरटीई में प्रवेश कराने के लिए चल रहे अभियान में शामिल लिपिक शमशाद अहमद का कहना है कि वह अवकाश चाहते थे लेकिन अवकाश नहीं मिल रहा था. हमने अपने परिवार की वास्तविक स्थिति को रखते हुए बीईओ से छुट्टी मांगी थी. 


 ऐसे किस्से तो सामने आते रहते हैं जब नई शादियों मैं कुछ दिन बाद पति पत्नी के बीच आपस की तकरार के बाद बीवी रूठ जाती है और मायके चली जाती है लेकिन यह अनोखा किस लिए है कि शादी के 37 साल हो गए और 7 बच्चे हैं. जिनमें से 4 बच्चों की शादी हो गई, उसके बाद पत्नी रूठ कर मायके चली गई.