आलोक त्रिपाठी/ कानपुर देहात : संतान सुख के लिए 6 वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद मासूम का कलेजा निकाल कर खा लेने के मामले में कानपुर देहात न्यायालय ने सभी चारों आरोपियों को आजीवन कारावास दी है. आरोपियों पर 20-20 हजार रुपए अर्थ दंड की सजा भी सुनाई गई है. फैसले के बाद पीड़ित परिवार में खुशी की लहर दिखाई दी. उन्होंने बताया दिवाली के दिन की वारदात है और तब से आज तक पीड़ित परिवार ने दिवाली के दिए नहीं जलाए हैं. आज आरोपियों को सजा सुनाई गई है उनके लिए आज दिवाली है.


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दरअसल पूरा मामला घाटमपुर थाना क्षेत्र के भदरस गांव का है. यहां पिछले 14 नवंबर 2020 को एक 6 वर्षीय मासूम दिवाली की रात बच्चों के साथ खेल रही थी पूरा परिवार दिवाली की खुशियों में मशगूल था और अचानक दो युवकों ने 6 वर्षीय मासूम को अगवा कर लिया उसके साथ दुष्कर्म की घटना के बाद उसकी निर्दयता से हत्या कर दी. मासूम के शरीर से लीवर किडनी और कलेजा निकाल लिया और कलेजा निकालकर आरोपी दंपत्ति सुनैना और परशुराम को जा सौंपा.
तंत्र मंत्र भी हुआ
आरोपी सुनैना और परशुराम ने तांत्रिक के द्वारा बताए अनुसार उस मासूम के कलेजे को खाया जिससे उन्हें संतान सुख की प्राप्ति हो सके. दिल दहला देने वाली वारदात दिल दहला देने वाली थी. दूसरे दिन सुबह मासूम का शव मंदिर के पास छत विच्छत अवस्था में पड़ा मिला शव देख लोगों की रूह कांप उठी थी. जानकारी मिली तो पता यह चला कि आरोपी सुनैना और परशुराम को शादी के 18 वर्षों के बाद भी संतान नहीं हुई थी जिसके चलते उन्होंने एक तांत्रिक की बातों में आकर इस पूरी वारदात की साजिश रची. साजिश के तहत अपने पारिवारिक भतीजो को पैसों का लालच देकर 6 वर्षीय मासूम को अगवा कराया. हत्या के बाद शरीर के अंग खाने के लिए मांगे ठीक उसी तरह आरोपी अंकुल और वीरन ने मासूम के शरीर से लीवर किडनी और कलेजा निकालकर सुनैना और परशुराम को सौंप दिया. वारदात के बाद पुलिस ने पूरे मामले की तफ्तीश की और चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की 3 वर्षों से चल रही सुनवाई के बाद 16 दिसंबर को कानपुर देहात न्यायालय ने आरोपियों को कठोरता सजा सुनाते हुए आजीवन कारावास और 20-20 हजार रुपए का अर्थ दंड भी लगाया है.