Manish Gupta Death Case में CBI ने दायर की चार्जशीट, गोरखपुर के पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की धाराएं
कानपुर के बिजनेसमैन मनीष गुप्ता की गोरखपुर में मौत मामले में सीबीआई ने अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है. ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट कोर्ट में दाखिल की गई इस चार्जशीट में गोरखपुर पुलिसकर्मियों को दोषी बताया गया है.
Manish Gupta Death Case: कानपुर के बिजनेसमैन मनीष गुप्ता की गोरखपुर में मौत मामले में सीबीआई ने अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है. ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट कोर्ट में दाखिल की गई इस चार्जशीट में गोरखपुर पुलिसकर्मियों को दोषी बताया गया है. CBI ने तत्कालीन थानाध्यक्ष, सब इंस्पेक्टर, हवलदार और कांस्टेबल के खिलाफ चार्जशीट फाइल की है.
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लगाई गईं भारतीय दंड संहिता की ये धाराएं
बताया जा रहा है कि तत्कालीन तत्कालीन एसएचओ थाना रामगढ़ ताल इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह समेत 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या, मारपीट, साक्ष्य छुपाने समेत अन्य धाराएं लगाई गई हैं. यानी IPC की धाराएं 302, 323, 325, 506, 218, 201 all r/w 34, 120-B और 149. बता दें, सीबीआई ने 2 नवंबर को इस मामले में केस दर्ज किया था.
इन लोगों के भी नाम शामिल
जानकारी के मुताबिक, इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह के अलावा, आरोप पत्र में दाखिल किए गए नामों में तत्कालीन उप निरीक्षक अक्षय कुमार मिश्रा, विजय यादव, राहुल दुबे, तत्कालीन हेड कांस्टेबल कमलेश सिंह यादव और कॉन्स्टेबल प्रशांत कुमार शामिल हैं. इन सभी के खिलाफ राजधानी लखनऊ की अदालत में बीते दिन आरोप पत्र दायर किया.
पहले गोरखपुर के रामगढ़ ताल थाने में ही दर्ज था केस
जानकारी के लिए बता दें कि CBI ने यूपी सरकार के अनुरोध के बाद 2 नवंबर 2021 को यह केस दर्ज किया था. इसके पहले यह मामला गोरखपुर के रामगढ़ ताल पुलिस स्टेशन में 28 सितंबर 2021 को मनीष गुप्ता की पत्नी द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर IPC धारा 302 के तहत दर्ज कराया गया था.
क्या है मनीष गुप्ता हत्याकांड?
दरअसल, कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता ने 27 सितंबर 2021 को गोरखपुर के एक होटल में कमरा लिया था. यह होटल रामगढ़ ताल थाना इलाके में ही आता है. आरोप है कि 27-28 सितंबर को बीच रात करीब 12:00 बजे थाना प्रभारी, दो उप निरीक्षक और तीन अन्य पुलिस कर्मी उसी होटल में गए और मनीष गुप्ता के साथ बदसलूकी करने लगे. वहीं, यह भी आरोप लगाया गया कि मनीष गुप्ता ने जब इसका विरोध किया तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें पीट दिया. ऐसे में वह घायल मनीष गुप्ता की मौके पर ही मौत हो गई.
गवाहों और फॉरेंसिक टीम की मदद से इकट्ठा किए सबूत
यूपी सरकार ने पहले इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी, लेकिन जब हल्ला तेज हुआ तो जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला लिया गया. बताया जा रहा है कि इस केस में तत्कालीन थानाध्यक्ष समेत कई पुलिसकर्मी गिरफ्तार हुए थे. केस की जांच हाथ में आने के बाद से ही सीबीआई ने मौके पर मौजूद गवाहों से पूछताछ और फॉरेंसिक टीम द्वारा घटनास्थल की जांच कराई और कई सबूत इकट्ठे किए. इन्हीं सबूतों और गवाहों के आधार पर सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया है.
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