Kanpur: कानपुर का फेमस झकरकटी बस अड्डा खत्म होगा, महानगर में महाजाम बनी वजह
Kanpur News : कानपुर के लोगों को जल्द ही ट्रैफिक समस्या से राहत मिलेगी. शहर में सबसे अधिक भीड़भाड़ वाला झकरकटी बस अड्डा अब शहर से बाहर शिफ्ट किया जाएगा. आइए जानते हैं क्या है प्रशासन की तैयारी
कानपुर : यूपी में लखनऊ के बाद दूसरे सबसे बड़े शहर कानपुर का जिस तेजी से विस्तार हो रहा है. यहां ट्रैफिक की समस्या लगातार बढ़ रही है. इस बीच जल्द ही ट्रैफिक व्यवस्था के लिए नासूर बन चुके झकरकटी बस अड्डे को शहर के बाहर शिफ्ट करने की तैयारी है. शुक्रवार को मंडलायुक्त व पुलिस कमिश्नर की संयुक्त अध्यक्षता में हुई स्टीयरिंग कमेटी ने यह फैसला लिया. मीटिंग में ट्रैफिक पुलिस की ओर से इसका प्रस्ताव पेश किया गया. मंडलायुक्त ने विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए.
मीटिंग में फैसला लिया गया कि रेलवे माल गोदाम में हर दिन में आने वाले लगभग तीन सौ ट्रकों को नो एंट्री परमिट जारी नहीं किए जाएंगे. इसके लिए सभी पक्षों के साथ बैठक कर उन्हें बताया जाएगा कि वह रात में ही ट्रक ला और ले जा सकेंगे. ट्रकों की लोडिंग या अनलोडिंग भी की जा सकेगी. वहीं सभी प्रमुख 18 चौराहों में जाम के सभी कारणों को दूर करने के लिए ट्रैफिक, पुलिस, प्रशासन, नगर निगम व अन्य संबंधित विभागों की लोकल कमेटी बनाई जाएगी.
कमेटी अगली बैठक में देगी रिपोर्ट
कमेटी अगली मीटिंग से पहले किए गए कार्य और उन कार्यों से संबंधित विषयों की रिपोर्ट देगी. इस रिपोर्ट के बिंदूओं को जिला या शासन अथवा अंतर विभागीय स्तर पर उठाया जाना है.
चौराहों से 100 मीटर दूर खड़े होंगे वाहन
चौराहों से सौ मीटर दूर वाहन खड़े होंगे. यहीं पर सवारी बैठाईं और उतारी जाएंगी, जो वाहन चालक नियमों का उल्लंघन करेंगे उनके वाहनों को सीज किया जाएगा. सीज वाहनों को खड़ा करने के लिए बड़ा स्थान भी चिह्नित किया जाएगा. इसके साथ ही तय हुआ कि ऑटो व ई-रिक्शा के लिए अध्ययन कर एक पालिसी बनाई जाएगी. इसमें रूट तय करने से लेकर उसे प्रभावी तरीके से लागू कराने को लेकर रणनीति बनाई जाएगी. बसों की पार्किंग के लिए नगर निगम द्वारा स्थान चिह्नित कर पार्किंग विकसित की जाए. इसी तरह वाहनों से तय किराया वसूल किया जाए.
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पार्किंग के आसपास और नो पार्किंग का सख्ती से हो पालन
शहर में बनी नगर निगम व स्मार्ट सिटी की मल्टीलेवल पार्किंग के आसपास सख्ती से नो पार्किंग तय की जाए. एक बार अतिक्रमण हटाए जाने की कार्रवाई के बाद दोबारा न होने दें. चौराहों के कब्जे हटाकर स्लिप रोड और फ्री लेफ्ट टर्न तय किया जाए. पोल शिफ्टिंग के भारी खर्च और अन्य चुनौतियों को देखते हुए अब बिजली के वही पोल हटाए जाएंगे.