श्याम तिवारी/कानपुर: कानपुर में आठ साल पुराने चर्चित ज्योति हत्याकांड में कोर्ट ने आरोपियों को दोषी करार दिया है. अपर जिला जज प्रथम अजय कुमार त्रिपाठी ने ज्योति के पति पीयूष, उसकी प्रेमिका मनीषा मखीजा सहित छह लोगों को दोषी करार दिया. सबूत के अभाव में पीयूष की मां और दोनों भाइयों को बरी कर दिया.मामले में आरोपित पीयूष के पिता ओमप्रकाश श्यामदासानी की मौत हो चुकी है. 


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27 जुलाई 2014 को बरामद हुआ था खून से लथपथ शव
आपको बता दें कि पांडुनगर के रहने वाले बिस्कुट व्यापारी ओमप्रकाश श्यामदासानी की बहू ज्योति की 27 जुलाई 2014 को हत्या कर दी गई थी.ज्योति के पति पीयूष ने ने पुलिस को ज्योति का अपहरण होने की झूठी सूचना दे दी थी. रात लगभग दो बजे पनकी में ज्योति का खून से लथपथ शव कार में बरामद हुआ था.शक के आधार पर पुलिस ने पियूष को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पुलिस की पूछताछ में पीयूष टूट गया और लूट व अपहरण की वारदात का पूरा सच बता दिया.


पीयूष द्वारा ही अपनी प्रेमिका मनीषा मखीजा के प्रेम जाल में फंसकर भाड़े के हत्यारों से ज्योति की हत्या करवाने और उसे लूट व अपहरण की वारदात दिखाने की कोशिश करने का मामला सामने आया था.मनीषा मखीजा शहर के मशहूर गुटखा कारोबारी हरीश मखीजा की बेटी है. पुलिस ने पीयूष, उसकी प्रेमिका मनीषा मखीजा, मनीषा के ड्राइवर अवधेश कुमार चतुर्वेदी, पीयूष से सुपारी लेकर हत्या की साजिश रचने वाले आशीष कश्यप व सुपारी किलर रेनू उर्फ अखिलेश कनौजिया और सोनू कश्यप के अलावा पुलिस को सही जानकारी न देने के आरोप में पीयूष के पिता ओम प्रकाश, मां पूनम व दो भाइयों मुकेश और कमलेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट कोर्ट भेजी थी.


मशहूर कारोबारी परिवारों से मामला जुड़ा होने की वजह से पीड़िता को इंसाफ मिलना आसान नहीं था. ऐसे में ज्योति के पिता शंकर नागपाल लगातार संघर्ष करते रहे. उन्होंने कहा कि धनबल के आगे न्याय की जीत हुई है.उनकी बेटी की आत्मा को शान्ति तभी मिलेगी जब आरोपियों को फांसी की सजा होगी.कोर्ट ने आरोपियों को दोषी करार दे दिया है.उनकी सजा पर फैसला शुक्रवार को होगा.