प्रभात अवस्थी/कानपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजनाओं को भी अधिकारी पलीता लगा रहें है. कानपुर में अधिकारियों द्वारा आईजीआरएस में आ रही शिकायतों का मौके पर जाए बिना और बिना शिकायतकर्ता से बात किए ही फर्जी निस्तारण ऑफिस में बैठे-बैठे कर दिया जा रहा है. शिकायतों के निस्तारण में इस प्रकार की लापरवाही को देखते हुए कानपुर डीएम ने पहली बार 106 अधिकारियों को नोटिस जारी किया है और 3 दिन में जवाब देने को कहा है.


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फीडबैक में शिकायतकर्ताओं ने जताई नाराजगी
दरअसल वन अधिकारी स्तर पर 10 शिकायतें ऑनलाइन की गईं थीं, इन सभी शिकायतों का निस्तारण कर दिया गया, लेकिन जब शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक शिकायतकर्ता से लिया गया तो उन्होंने निस्तारण को लेकर नाराजगी व्यक्त की. इसी प्रकार ग्राम्य विकास विभाग, जिला पंचायती सेल, पंचायती राज विभाग, नगर स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम, सब रजिस्ट्रार स्टांप समेत 32 अधिकारियों का 100 प्रतिशत निगेटिव फीड बैक मिला है.


23 अधिकारी ऐसे भी हैं, जिनके पास सिर्फ एक या दो ऑनलाइन शिकायत आईं और इन अधिकारियों ने उन शिकायतों का भी गुणवत्तापूर्ण निस्तारण नहीं किया. इन शिकायतों का फीडबैक लिया गया तो शिकायतकर्ताओं ने नाराजगी जाहिर की. एडीएम सिटी, एडीएम लैंड, एडीएम फाइनेंस, अधिशाषी अभियंता पीडब्लूडी, सीएमओ, कानपुर मंडी सचिव समेत 23 अधिकारी ऐसे हैं, जिनके पास एक या दो शिकायतें आईजीआरएस पर आईं थीं, उनका भी निस्तारण ठीक तरीके से नहीं किया गया. 


डीएम के नोटिस से विभागों में मचा हड़कंप
डीएम द्वारा नोटिस जारी करने के बाद से विभागों में हड़कंप मचा हुआ है. नोटिस जारी होने के बाद शिकायतकर्ताओं से संपर्क कर विभागीय अधिकारी फीडबैक को पॉजिटिव करने में जुट गए हैं. एडीएम सिटी राजेश सिंह ने बताया कि आईजीआरएस में शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण किया जाना अनिवार्य है. जिन भी विभागों द्वारा सही से निस्तारण नहीं किया गया है, ऐसे सभी विभागों को नोटिस भेजा गया है और जवाब मांगा गया है.


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