Kashi Tamil Sangamam 2022 : काशी और तमिलनाडु के बीच भले ही दूरी करीब 3 हजार किलोमीटर हो, लेकिन दोनों ही भारतीय सनातन संस्कृति और आध्यात्म के बड़े प्राचीन पौराणिक केंद्र भी हैं. भगवान शिव के ज्योर्तिलिंग के तौर पर काशी विश्वनाथ और रामेश्वरम का अनोखा जुड़ाव भी है. इसी महान धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों को प्रगाढ़ करने के लिए काशी तमिल संगमम का आय़ोजन हो रहा है.


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16 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच एक माह में तमिलनाडु से 16 अलग-अलग विधाओं में पारंगत कलाकार बनारस आएंगे. यहां की संस्कृति को जानेंगे और उसका अनुभव करेंगे. केंद्र सरकार के एक भारत श्रेष्ठ भारत मिशन के तहत सांस्कृतिक आदान-प्रदान का ये आयोजन हो रहा है. आईआईटी मद्रास (IIT Madras) और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) ने इन 3 हजार खास मेहमानों के काशी और अयोध्या की तीर्थयात्रा का पूरा इंतजाम हाथों में लिया है.


आईआईटी चेन्नई का कहना है कि नेशनल हायर एजुकेशन फॉर टेक्नोलॉजी चेन्नई और बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (Banaras Hindu University) ने इस Kasi Tamil Sangamam 2022 का आयोजन रखा है. इसमें काशी और तमिलनाडु की आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संबंधों को विशेष तौर पर उभारा जाएगा.


तमिलनाडु के 12 शहरों से कला, साहित्य, शिक्षा, खेलकूद और अन्य विधाओं से जुड़ी प्रख्यात हस्तियां इसमें शामिल होंगी. चेन्नई, कोयंबटूर और रामेश्वरम से ट्रेन के विशेष कोचों के जरिये वाराणसी जाएंगे. वे काशी में 8 से 12 दिनों तक प्रवास करेंगे. गंगा नदी में नौकायन के साथ ये कलाकार काशी के विभिन्न मंदिरों, सारनाथ और अन्य केंद्रों पर जाएंगे.