कौशांबी: उत्तर प्रदेश के कौशांबी में यूपी पुलिस का मददगार रूप एक बार फिर देखने को मिला. आर्थिक स्थिति ठीक न होने से एक मां अपने बेटे का इलाज नहीं करवा पा रही है. युवक दो साल से बिस्तर पर पड़ा जिंदगी और मौत से जूझ रहा था. असहनीय दर्द में उसने डायल 112 पुलिस को सूचना दी कि उसका इलाज कराया जाए. इतना ही नहीं उसने खुद को बंधक बनाए जाने का परिजनों पर आरोप लगाया. हालांकि, युवक की मां ने सरकार से मदद की गुहार लगाई. आइए विस्तार से बताते हैं पूरा मामला.


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परिवार की माली हालत है खराब
आपको बता दें कि मंझनपुर तहसील के मंसूर नगर मोहल्ले में स्वर्गीय नवाब का परिवार रहता है. परिवार में नवाब की  पत्नी गुड़िया और उसके 5 बेटे रहते हैं. मां गुड़िया बीड़ी बना कर परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा करती है. जानकारी के मुताबिक कोरोना काल में परिवार के बीच हुए विवाद में सलमान गम्भीर रूप से घायल हो गया. जिसके बाद से वह आज तक बिस्तर से नहीं उठ सका. शुरूआत में मां ने लोगो से चंदा मंगा कर इलाज कराया, लेकिन वक्त के साथ उसकी तबियत बिगड़ती गई. साथ ही परिवार की माली हालत भी बदतर होती चली गई.


मरीज ने लगाई मदद की गुहार
आपको बता दें कि मां बीमार बेटे को घर में रखकर झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करा रही थी, लेकिन सलमान ने डायल 112 पर काल कर मदद की गुहार लगाई. पुलिस ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया है. लगातार डेढ़ साल से बेड पर पड़े रहने से उसके हाथ पैर और पीठ में जख्म हो गए हैं. उसने अपने भाइयों पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब उसकी पत्नी और उसने आवाज उठाई थी तो उसे मार पीटकर घायल कर दिया गया.


बीमार युवक की मां ने दी जानकारी
इस मामले में मां गुड़िया ने बताया कि भाइयों के झगड़े में उसको चोट आई है. चंदा मांगकर उसने इलाज कराया. अब उसके पास दवा खरीदने और इलाज के लिए रुपये नहीं हैं. जितना हो सका इलाज कराया, अब वो समर्थ नहीं है. बीड़ी बना कर घर चलाते है. हालांकि, इस मामले में बिना कैमरे पर आए डीएम सुजीत कुमार ने कहा कि बीमार की मदद होगी.


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