श्याम तिवारी/कानपुर: गुदड़ी के लालों के कमाल के कई कारनामे आपने देखे और सुने होंगे. लेकिन यहां कहानी थोड़ी अगल है, जहां पंक्चर बनाने वाला मुख्तार देखते ही देखते करोड़पति बन गया. अपराधियों के साथ सांठगांठ कर अपना साम्राज्य बनाने वाले मुख्तार ने इसे बचाने के लिए हिंसा कराने का षड़यंत्र किया था. कानपुर के बेकनगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत बहुचर्चित बिरियानी शॉप बाबा बिरियानी के संचालक मुख्तार बाबा के करोड़पति बनने की कहानी बेहद दिलचस्प है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पिता के साथ पंक्चर की दुकान में करता काम
दरअसल 1968 में बाबा बिरियानी के संचालक मुख्तार बाबा के पिता मोहम्मद इशहाक अहमद उस वक्त बने राम जानकी मंदिर के नीचे पंचर की छोटी सी दुकान लगाते थे. इसके बाद जब मुख्तार बाबा का जन्म हुआ तो उसने भी पिता की दुकान में काम करना शुरू किया. कुछ दिनों बाद ब्रेड और दूध बेचने का एक छोटा सा काउंटर लगा लिया. यह सिलसिला चल रहा था कि 1992 का दंगा हुआ और फिर उसके बाद मानो मुख्तार बाबा की किस्मत ही खुल गई. 


दबंगई और पैंतरेबाजी से करोड़पति बनने का सफर
अपराधियों का गढ़ माने जाने वाले गम्मू खां के हाथों में संचालक मुख्तार बाबा की नजर पड़ गई. कानपुर का मुख्तार बाबा खुद को मुख्तार अंसारी से कम नहीं समझता था. कहीं दबंगई तो कहीं अपनी पैंतरेबाजी  से मुख्तार बाबा ने करोड़पति बनने का सफर तय किया. मुख्तार बाबा ने गम्मू खा खाते में कई लोगों का घर खाली कराकर 300 वर्ग गज जगह में अपना कब्जा जमा लिया और फिर 50_50 वर्ग गज की कटिंग कर प्लॉट बेचने का सिलसिला शुरू किया.


डी-गैंग के सदस्यों से सरगना तक से जुड़ा कनेक्शन
यहीं से मुख्तार बाबा बड़ा आदमी बनता चला गया. शहर में एक समय आतंक का पर्याय बने डी-2 गैंग की बिरयानी पार्टी मुख्तार बाबा की बिरयानी की दुकान में होती थी. जिसके चलते हैं मुख्तार बाबा का कनेक्शन गैंग के सदस्यों से लेकर सरगना तक था. इन्हीं के सहारे मुख्तार बाबा ने कई संपत्तियों पर दबंगई और गुंडई के बल पर जबरन कम दामों में खरीद कर उनमें अपना कब्जा कर लिया. 


क्राउडफंडिंग में सामने आया नाम, SIT ने किया गिरफ्तार 
3 जून को हिंसा के बाद रिमांड पर लिए गए हिंसा के मास्टरमाइंड और उसके चार साथियों से पूछताछ में क्राउडफडिंग को लेकर मुख्तार बाबा समेत एक बड़े बिल्डर का नाम सामने आया था. जिसके बाद एसआईटी की टीम ने मुख्तार बाबा को कई नोटिस जारी करते हुए अपना बयान दर्ज करने के लिए बुलाया लेकिन वह नहीं आया. आखिरकार एसआईटी की टीम ने मुख्तार बाबा को गिरफ्तार कर लिया. 


मुख्तार बाबा से पूछताछ के दौरान एसआईटी टीम को कई अहम सुबूत मिले हैं. फिलहाल एसआईटी की टीम कड़ियां जोड़ने में लगी हुई है. बताया जा रहा है शत्रु सम्पत्ति पर काबिज मुख्तार बाबा ने प्रशासन के शिकंजा कसने पर अपना साम्राज्य बचाने के लिए हिंसा के लिए क्राउड फंडिंग की.


WATCH LIVE TV