Lakhimpur Kheri Case : लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने के मामले में आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र हैं. इससे पहले हाईकोर्ट उनकी जमानत याचिका को खारिज कर चुका है.लखीमपुर खीरी केस राजनीतिक तौर पर बेहद संवेदनशील रहा है, ऐसे में आशीष की जमानत याचिका को लेकर सबकी निगाहें एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पर टिक गई हैं.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

HIghCourt ने बेल एप्लीकेशन कर दी थी रिजेक्ट
आशीष मिश्रा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय़ को चुनौती दी है औऱ जमानत की गुहार लगाई है.  जुलाई में लखीमपुर खीरी हिंसा केस मे इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुख्‍य आरोपी आशीष मिश्रा की बेल एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दी थी.पिछले साल किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी के तिकोनिया पार्क के पास में तेज रफ्तार वाहन ने कई लोगों को कुचल दिया था, जिसमें चार किसानों की मौत हो गई थी. जबकि इस घटना से गुस्साए प्रदर्शनकारियों की ओर से कथित तौर पर की गई कार्रवाई में भी 4 लोगों की मौत हो गई.उच्च न्यायालय  ने 10 फरवरी 2022 को आशीष मिश्रा को कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी थी, जिसको लेकर काफी विरोध हुआ था.


उनकी जमानत के खिलाफ प्रभावित पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.सुप्रीम कोर्ट ने बाद में जमानत के हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए हाईकोर्ट को अहम दिशानिर्देश जारी किए थे. ऐसे में आशीष मिश्रा को दोबारा जेल जाना पड़ा था.उच्चतम न्यायालय ने हाईकोर्ट से कहा था कि वो पीड़ित पक्ष की दलीलों को पूरी तरह सुनने के बाद जमानत याचिका पर फैसला ले. हालांकि बाद में हाईकोर्ट ने उन्हें राहत नहीं दी.


गौरतलब है कि 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी जिले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के एक कार्यक्रम में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को शामिल होना था. कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों औऱ अन्य प्रदर्शनकारी इस यात्रा को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, तभी कुछ लोगों ने तेज ऱफ्तार वाहन उन पर चढ़ा दिया था. इस मामले में यूपी पुलिस ने आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया है.