Tej Pratap Yadav in Varanasi: बिहार सरकार में मंत्री और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव वाराणसी पहुंचे थे. यहां उन्‍हें एक होटल में बदसलूकी का सामना करना पड़ा. होटल में विवाद के बाद उन्‍हें सामान सहित बाहर का रास्‍ता दिखा दिया गया. इसकी जानकारी अफसरों को हुई तो अफरा-तफरी मच गई. 


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यह है पूरा मामला 
दरअसल, बिहार सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव शुक्रवार को वाराणसी आए थे. यहां वह सिगरा स्थित एक होटल पर गए. इसी बीच लगभग 1:00 बजे होटल प्रबंधन ने तेज प्रताप यादव का सामान कमरे से बाहर निकालकर सिक्योरिटी रूम में रख दिया. तेज प्रताप यादव जब मौके पर पहुंचे तो उन्होंने नाराजगी जाहिर की. साथ ही उन्होंने सीसीटीवी कैमरा भी चेक किया. मामला जब सामने आया तो पता चला कि जिस रूम में तेज प्रताप यादव रुके हुए थे, वह सिर्फ एक दिन के लिए बुक हुआ था. रात 12:00 बजे के बाद होटल के प्रबंधक ने सामान को बाहर निकलवा कर सिक्योरिटी रूम में रख दिया.


काशी विश्‍वनाथ मंदिर का दर्शन किया 
इससे पहले तेज प्रताप यादव ने बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के बाद काशी के घाटों पर गए. बताया गया कि जैसे ही वह देर रात होटल पहुंचे वहां देखा कि होटल कर्मचारियों ने सामान रिसेप्शन पर लाकर रख दिया गया. इस पर तेज प्रताप यादव ने आपत्ति दर्ज करवाई. उन्होंने पूरे मामले की वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस से शिकायत की.  


तेज प्रताप ने होटल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत की 
सूचना जैसे ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. आनन- फानन पुलिस मौके पर पहुंच गई. होटल प्रबंधन से बात किया और तेज प्रताप के लिए कमरा खोलने की बात कही, जब तक होटल प्रबंधन कमरे का प्रबंध करता तब तक बात बिगड़ चुकी थी. तेज प्रताप होटल के बाहर गाड़ी में बैठ अपने सहयोगियों से होटल के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिकायत पत्र पुलिस को दिलवाया. 


तेज प्रताप ने लगाए ये आरोप 
पुलिस के आने के बाद होटल प्रबंधन तेज प्रताप यादव को मनाने में जुट गया, लेकिन तेज प्रताप पुलिस को शिकायत पत्र सौंप वहां से चले गए. तेज प्रताप यादव के सहायक ने बिना किसी पूर्व सूचना मंत्री तेज प्रताप के कमरे को खोलने, उनके समानों की तलाशी कर फेंकने का आरोप लगाया है. 


पुलिस मामले की जांच में जुटी 
वहीं, सिगरा पुलिस का कहना है कि बिहार के मंत्री तेज प्रताप की मौजूदगी में उनके सहायकों से होटल के खिलाफ लिखित शिकायत मिला है, जिसकी जांच की जा रही है. होटल प्रबंधन ने पूछताछ में बताया कि तेज प्रताप के नाम सिर्फ 7 अप्रैल को कमरा बुक था. अगले दिन दूसरे अतिथि के नाम वह कमरा ऑनलाइन बुक हो गया था. अतिथि को कमरा देने के उद्देश्य से तेज प्रताप का सामान सुरक्षित तरीके से बाहर रखा गया था. 


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