लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में डॉ. बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय में सरस्वती पूजन को लेकर छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा हैं. इस मामले में बीते 26 जनवरी को सरस्वती पूजन भी था. इस दौरान कुछ छात्राओं ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण नहीं किया. जानकारी के मुताबिक जब कुछ छात्रों ने इसपर सवाल खड़ा किया तो, अपशब्दों का प्रयोग किया गया. इस पूरे मामले में देर रात तक छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा. वहीं, आज 12 बजे से कल फिर से छात्रों ने धरने पर बैठने की बात कही है. बता दें कि इस मामले में विश्वविद्यालय के कुलानुशासन को शिकायती पत्र भेजा गया है.


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ये है पूरा मामला 
आपको बता दें कि शिकायत पत्र बताया गया है कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय में बीते 26 जनवरी को संघमित्रा महिला हॉस्टल में देर शाम सरस्वती पूजन का कार्यक्रम मनाया जा रहा था. जहां किसी छात्राओं ने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण तक नहीं किया. इस दौरान पूजा कर रही किसी छात्रा ने कहा कि ये बकवास करने आई हो. इसके अलावा उसने प्रतिमा पर माल्यार्पण करने की बात कही. तब छात्रा से मूर्ति उठाकर फेंक देने और पैरों से कुचलने की बात कही गई. इस दौरान मौके पर मौजूद कुछ छात्राओं ने इसका समर्थन भी किया. इसी बात को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. वहीं, इस मामले की शिकायत कराने वाली छात्रों ने आरोपी छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की हैं.


प्रशासनिक भवन पर धरने पर बैठ छात्र
दरअसल, इसी विवाद को लेकर छात्रों का एक वर्ग 27 जनवरी को प्रशासनिक भवन पर धरने पर बैठ गया. इस मामले में प्रदर्शनकारी आरोपियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इसके बाद धरनारत छात्रों से मिलने खुद चीफ प्रॉक्टर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने इस मामले में जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया. साथ ही धरना खत्म करने को कहा. वहीं, धरनारत छात्रों को आरोपी छात्रों पर कार्रवाई से कम कुछ मंजूर नहीं हैं. 


इस मामले में चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर बीबी मलिक ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मामले में जिन छात्रों का नाम आया है उनसे पक्ष रखने को कहा गया हैं. चीफ प्रॉक्टर ने कहा कि मामले में पड़ताल के बाद जांच में दोषी पाए जाने वाले पर कार्रवाई की जाएगी.