लखनऊ में फर्जीवाड़ा: DM ने निजी ब्लड बैंक पर मारा छापा, निरीक्षण में मिली खामियां, खून देने वाले डोनर का नाम पता-गलत
ब्लड बैंक के मेडिकल ऑफिसर गायब मिले...ब्लड बैंक में कई अनियमितताएं देखने को मिलीं.....इस तरह की अनियमितताएं देखने के बाद जिलाधिकारी ने सख्त नाराजगी जाहिर की. एफएसडीए ब्लड बैंक को नोटिस जारी किया गया..
लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ (Lucknow) से ब्लड बैंक फर्जीवाड़ा (Blood Bank Fraud) सामने आया है. राजधानी में खून के धंधेबाजों का जाल फैला हुआ है. लखनऊ के प्राइवेट अस्पताल तक ये जाल फैला है. डॉक्टर और दलालों में तगड़ा गठजोड़ चलता है जो एक फोन पर बिना डोनर खून मुहैया कराते. इसके बदले मोटी रकम वसूली जाती है. ऐसा ही एक मामला फिर से सामने आया है. रजिस्टर में दर्ज रक्तदाताओं के नाम फर्जी निकले हैं.
यहां का है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक कैसरबाग स्थित वजीर हसन रोड पर स्वास्तिक चैरीटेबल ब्लड बैंक पर शुक्रवार को डीएम सूर्यपाल गंगवार ने एफएसडीए और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने साथ में छापेमार की कार्रवाई की. इस दौरान ब्लड बैंक के मेडिकल ऑफिसर गायब मिले. डॉक्टर एक घंटे बाद मौके पर आए. ब्लड बैंक में कई अनियमितताएं देखने को मिलीं. इस तरह की अनियमितताएं देखने के बाद जिलाधिकारी ने सख्त नाराजगी जाहिर की. एफएसडीए ब्लड बैंक को नोटिस जारी किया गया है. साथ ही लाइसेंस निरस्त किए जाने की संस्तुति भी करने की बात कही है.
जिलाधिकारी ने ब्लड बैंक में डोनर फॉर्म पर लिखे मोबाइल नंबर पर पर कॉल करवाया तो इसमें कई डोनर के नाम गलत नंबर मिले. मतलब की रजिस्टर में दर्ज रक्तदाताओं के नाम फर्जी निकले. ब्लड डोनर फॉर्म में अधूरी जानकारी भरी गई है. डीएम सूर्यपाल गंगवार ने ड्रग कंट्रोलर को दिए जांच के सख्त निर्देश दिए हैं.
डीएम ने जांच के दौरान पाया कि ब्लड बैंक में पॉलीमेट कंपनी के खाली ब्लड बैग यूज किए जाते हैं. छापेमारी के दौरान पाया गया कि रजिस्टर पर 80 ब्लड बैंक के स्टॉक के सापेक्ष खाली ब्लड बैग 72 ही मिले. ब्लड बैंक की एसओएपी ब्लड बैंक के अंदर कही भी प्रदर्शित नहीं पाई गई. इसके साथ ही एक्सपायर्ड ब्लड का रिकॉर्ड मेंटेन नहीं पाया गया. जांच में पाया कि डोनर फॉर्म भरते समय डोनर के नाम समेत पूरी जानकारी में खामियां हैं. इसे लेकर डीएम ने डॉक्टर व स्टाफ को जमकर फटकार लगाई है. ज़िलाधिकारी ने निर्देश दिया कि ब्लड की एक्सपायरी के लिए ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया जाए. जिससे ब्लड की उपलब्धता व एक्सपायरी को अपडेट किया जा सके.
बता दें कि इससे पहले STF ने गुरुवार को ठाकुरगंज और कृष्णानगर के दो ब्लड बैंक में छापेमारी की थी. दूसरे प्रदेशों से तस्करी कर लाया गया खून पकड़ा गया था. इसका न तो ग्रुप पता था न एक्सपायरी डेट की जानकारी थी. इस जानलेवा खून के कारोबार की तह तक जाने के लिए शुक्रवार को डीएम सूर्य पाल गंगवार ने बटलर पैलेस रोड पर स्वास्तिक चैरिटेबल ब्लड बैंक पर छापेमारी की.
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