लखनऊ : कानपुर, लखनऊ और उन्नाव की रोड कनेक्टिविटी और बेहतर होगी. जल्द ही लखनऊ एक्सप्रेस वे कानपुर में रिंग रोड से जुड़ेगा. इसके लिए एनएचएआई ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. खास बात यह है कि एक्सप्रेस वे से उन्नाव के वाहनों के लिए भी अलग से रास्ता दिया जाएगा. अभी तक आजाद मार्ग और बनी पर ही उन्नाव के वाहनों को रास्ता दिए जाने का प्रस्ताव था. ताजा कवायद के बाद एक पखवाड़े पहले मिट्टी को लेकर चल रहा संकट खत्म हो गया. उन्नाव डीएम ने मिट्टी खनन को लेकर मंजूरी भी दे दी है. एनएचएआई अधिकारियों के मुताबिक उन्नाव  के लोगों के लिए आजाद मार्ग और बनी के बीच अलग जंक्शन का निर्माण होगा. इसी रैंप के सहारे उन्नाव के वाहन कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस वे से आवाजाही कर सकेंगे. कानपुर रिंग रोड के साथ ही रायबरेली हाईवे और मौजूदा लखनऊ हाईवे को भी एलीवेटेड के सहारे जोड़ा जाएगा. इस तरह तीन जगहों पर जंक्शन बनाए जाएंगे.


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किसानों से सीधे होगा समझौता
एक्सप्रेस वे के लिए मिट्टी की कमी न हो इसके लिए एनएचएआई सीधे किसानों से बातचीत और समझौता करेगा. इसके लिए कमेटी गठित की गई है. जो दोनों जिलों में मिट्टी तलाशने का काम करेगी. कहां-कहां से मिट्टी ली जाएगी इसकी सूची उन्नाव और कानपुर प्रशासन को दी जाएगी. एनएचएआई ने इसकी सूचना शासन से लेकर प्रशासन को भी दे दी है.


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एनएचएआई से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक कानपुर रिंग रोड की कुल लंबाई 93.20 किलोमीटर है, जिसमें 62 किलोमीटर कानपुर नगर, 4 किलोमीटर कानपुर देहात व 27 किलोमीटर उन्नाव जिले में स्थित है. रिंग रोड का निर्माण चार फेज में कराया जाएगा. उन्नाव जिले में रिंग रोड के निर्माण के लिए जिले की 52 ग्राम पंचायतों की भूमि एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहित की जाएगी. पहले से तैयार योजना में जिले के 20 गांव की भूमि अधिग्रहित की जानी थी. हालांकि बाद में गांव की संख्या बढ़कर 52 हो गई है.


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