Lucknow Kisan Mahapanchayat : लखनऊ किसान महापंचायत में भाकियू नेता राकेश टिकैत ने विपक्ष पर उठा दिए सवाल
Lucknow Kisan Mahapanchayat : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज किसान महापंचायत हो रही है. इसमें भारतीय किसान यूनियन समे
Lucknow Kisan Mahapanchayat : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार को मजदूर किसान महापंचायत में हजारों कार्यकर्ता पहुंचे. महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने न केवल सरकार के समक्ष अपनी मांगों का ब्योरा रखा, बल्कि विपक्ष के रवैये पर भी सवाल उठा दिए. टिकैत ने कहा, जनता वोट नही देती, फिर भी इनकी सरकार बनती है, क्योंकि विपक्ष आंदोलन नही करता. उन्होंने कहा कि विपक्ष जमीनी मुद्दों पर सड़क पर नहीं दिख रहा है.किसानों को ही गांव कस्बों में जाकर अभियान छेड़ना पड़ेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अधिकारी झूठे कागज देकर गुमराह कर रहे हैं. किसानों के मुद्दे पर संयुक्त किसान मोर्चा जो भी निर्णय लेता है, उस पर सभी किसान संगठनों को अमल करना होगा.
टिकैत ने कहा कि सरकार गुमराह कर रही है. न गन्ने का रेट बढ़ा और गन्ना किसानों का समय पर बकाया भुगतान हो रहा है. किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ा है. लेकिन जिन अधिकारियों ने हमारे किसानों को रोकने का काम किया, हम उनके खिलाफ पंचायत करेंगे. केंद्र सरकार ने किसानों से बात करने के लिए लगातार इनकार किया है.सरकार के रवैये के चलते राज्य सरकार भी किसानों से बात नहीं कर रही.
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एक साल पहले भी 20 नवंबर 2021 को लखनऊ किसान महापंचायत हुई थी.वहीं तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 2 साल पहले विरोध प्रदर्शन के दौरान भी किसानों ने यूपी में कई जगहों पर घेराव, धरना, चक्काजाम जैसे तरीकों से अपना विरोध जताया था.भाकियू नेता राकेश टिकैत का आरोप है कि कृषि कानूनों को वापस लेने के दौरान किए गए वादों को केंद्र की मोदी सरकार और यूपी सरकार पूरे नहीं कर रही है. महापंचायत में भाकियू के अलावा जय किसान आंदोलन, किसान सभा, भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन और क्रांतिकारी किसान यूनियन, जैसे कई किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा के अधीन शामिल हो रहे हैं.
किसानों की ये 10 बड़ी मांगें....
1. एयरपोर्ट, सड़क परियोजना या आवासीय योजना के लिए जबरन भूमि अधिग्रहण न किया जाए
2. खेतों में बाड़, कंटीले तार या अन्य तरीके से घेरेबंदी पर रोक न लगाई जाए. ट्रैक्टर ट्राली के अलग-अलग इस्तेमाल पर पाबंदी न लगाई जाए.
3. गन्ने का बकाया भुगतान किसानों को पर्ची मिलने के एक महीने के भीतर ही किया जाए. गन्ना बकाया भुगतान में देरी पर ब्याज किसानों को मिले. गन्ने का समर्थन मूल्य 500 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए.
4. किसानों को सिंचाई और अन्य कृषि कार्यों के लिए बिजली आपूर्ति की गारंटी दी जाए. बिजली संशोधन बिल के जरिये किसानों की कम लागत पर विद्युत आपूर्ति को रोकने का प्रयास न हो.
5. उत्तर प्रदेश में 2017 में हुई किसान कर्ज माफी के बाद बड़ी राहत किसानों को नहीं मिली है. यूपी खासकर पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों को भारी बारिश से हुए नुकसान को देखते हुए किसान कर्ज माफी योजना का लाभ बिना किसी शर्तों के दिया जाए.
6. किसान आंदोलन के दौरान किसानों, किसान नेताओं पर दर्ज मुकदमों की पूरी तरह से वापसी हो. एफआईआर के कारण तमाम युवाओं का भविष्य बर्बाद होने से बचाया जाए.
7. व्यापारियों, कर्मचारियों की तरह किसान पेंशन की व्यवस्था सरकार करे. ताकि बुजुर्ग किसानों को बुढ़ापे में आर्थिक समस्याओं का सामना न करना पड़े
8. किसानों की सबसे बड़ी मांग एमएसपी गारंटी की है, जो किसान आंदोलन के दौरान से ही चली आ रही है. फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग किसानों की है.
9. किसानों ने आवारा पशुओं को लेकर भी अपनी आवाज उठाई है. उनके लिए काजी हाउस, गौशाला की पर्याप्त व्यवस्था करने की मांग की गई है.
10. किसानों ने डीएपी और अन्य रासायनिक खाद की किल्लत की समस्या भी उठाई है. उनका कहना है कि खाद केंद्रों पर लंबी लाइनों से जूझना पड़ रहा है और पर्याप्त उर्वरक उन्हें नहीं मिल पा रहा है.
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