अतीक अहमद/लखनऊ: अब तक आपने ऐसे कई बड़े-बड़े फर्जीवाड़े देखे होंगे, मगर अब एक किसी संत के साथ ऐसा फर्जीवाड़ा नहीं देखा होगा. मामला राजभानी लखनऊ से सामने आया है, जहां अयोध्या के 95 साल के महंत युगल बिहारी दास को भू-माफिया ने पहले तो फर्जी डेथ सर्टिफिकेट के आधार पर मृतक घोषित कर दिया. इसके बाद उनकी 4 बीघा जमीन भी कब्जा कर ली. वहीं, मंदिर में रखा सामान भी गायब कर दिया. इस मामले में 14 साल पहले मुकदमा भी दर्ज कराया गया मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद महंत ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. लखनऊ हाई कोर्ट में पूरे मामले की सुनवाई अब शुरू होने जा रही है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि अयोध्या कोतवाली के अंतर्गत बसंतिया पट्टी के महंत जिनकी उम्र लगभग 95 साल है. उनकी 4 बीघा जमीन को अयोध्या के ही भूमाफिया गौरी शंकर दास ने अधिकारियों की मिलीभगत से पहले महंत युगल बिहारी दास का पहले डेट सर्टिफिकेट बनवाया. बता दें कि 4 बीघा जमीन को जाली कागज बनवाकर अपने नाम करवा लिया. मामला महंत युगल बिहारी दास को पता चला तब उन्होंने पूरे मामले में एफ आई आर दर्ज की अगर पुलिस की कार्रवाई ना होने के बाद मामला एसडीएम कोर्ट में गया एसडीएम द्वारा भी न्याय न मिलने के बाद अब महंत ने लखनऊ हाई कोर्ट में अपील की है लखनऊ हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई जारी है और बड़ा सवाल ये है कि जब एक व्यक्ति खुद जिंदा है तो अधिकारियों ने इतना बड़ा धोखा और घोटाला कैसे किसी व्यक्ति के साथ कर दिया हालाकि पूरे मामले में महंत ने योगी आदित्यनाथ से भी न्याय की गुहार लगाई है.


इस मामले में जब हमने महंत युगल बिहारी दास से बात करने की कोशिश की तो 95 साल की उम्र में होने के बाद वह ज्यादा तो कुछ नहीं बता सके. मगर उनके साथ मौजूद दूसरे महंत श्रीपत दास ने बताया बाबा जीवनकाल के लिए बिहार गए थे इसी बीच में गौरी शंकर ने उन्हें मृतक दिखाकर उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया और अपने नाम करा लिया अब बाबा जी ने अपने पूरे बयान कोर्ट में दर्ज करा दिए हैं और सीएम योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगा रहे हैं.


वहीं, महंत के वकील प्रभात कुमार उपाध्याय ने बताया कि यह मामला उनके पास आया है जिसमें महंत को मृतक दिखाकर गौरीशंकर ने उनकी जमीन पर कब्जा करके अपने नाम कर लिया है हम लोगों ने आज उनकी फोटो कोर्ट में करवा दी है जल्दी उनके बयान होंगे मामले में अधिकारियों की मिलीभगत से पूरा खेल हुआ है. अब देखना है क्या 95 साल के महंत खुद को कागज पे जीवित दिखा पाएंगे या जिंदगी की ये लड़ाई लड़ते लड़ते खुद जीवन से हार जाएंगे.