Lucknow Pitbull Attack News: जिस कुत्ते को 80 साल की बुजुर्ग महिला सुशीला ने अपने बेटे की तरह पाला, वही कुत्ता उनके लिए काल बन गया. लखनऊ में पिटबुल अटैक का यह दर्दनाक हादसा अभी तक लोगों के ज़हन से निकल नहीं पा रहा है. कुत्ते ने अपनी ही मालकिन को सिर से पांव तक इतनी बार नोचा और काटा कि उनकी मौत हो गई. इसको लेकर आज सुशीला त्रिपाठी के बेटे अमित त्रिपाठी से ज़ी मीडिया ने बात की. बेटे ने पूरे हादसे का विवरण देते हुए बताया कि जब वह अंदर आए तो उन्होंने क्या देखा. वहीं, अमित ने यह भी बताया कि ब्राउनी नाम का उनका पिटबुल हमेशा उनकी मां के करीब ही रहता था और मां भी उसका पूरा ध्यान रखती थी. फिर उसने ऐसा क्यों किया, यह बात समझ नहीं आ रही है. डॉग के बिहेवियर को लेकर भी उन्होंने बात की. आइए जानते हैं-


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2 महीने का पिल्ला था जब घर लाया गया
मोहल्ले के कुछ लोगों ने बताया कि सुशीला त्रिपाठी के घर में पिटबुल करीब 3-4 साल पहले आया था. जब वह घर लाया गया था तो केवल 1.5-2 महीने का था. पड़ोसियों का कहना है कि यह ब्रीड प्रतिबंधित है और इसे घर में रखने की परमिशन नहीं है. लेकिन, बेटे अमित त्रिपाठी का शौक था कि वह पिटबुल पालें, तो उन्होंने पाल लिया. पड़ोसियों ने बताया कि सुशीला देवी ही कुत्ते का ख्याल रखती थीं, उसे खिलाती-पिलाती थीं और खेलती भी थीं. 


पड़ोसियों को दुख, उन्हें बचा नहीं सके
पड़ोसियों का कहना है कि घटना सुबह 6.30 बजे की है. जब पिटबुल बुजुर्ग महिला पर हमला कर रहा था, तो बुजुर्ग महिला सुशीला के चीखने और रोने की आवाजें आईं. चीख-पुकार सुनकर लोग उनके घर की तरफ दौड़े, लेकिन दरवाजा बंद था. ऐसे में वह उन्हें बचाने के लिए अंदर नहीं जा सके. पड़ोसियों ने जब खिड़की से झांका तो नजारा देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए. पड़ोसी का कहना है कि उन्हें इस बात का बहुत दुख है कि वह कुछ कर नहीं पाए. 


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मां ही रखती थीं सभी कुत्तों का ख्याल
बेटे ने बताया कि वह पिटबुल को लेकर जो नियम बनाए गए हैं, उसे फॉलो कर रहे थे. ज्यादातर वह घर से बाहर रहते हैं, लेकिन जब भी घर में होते हैं, वह कोशिश करते हैं कि अपने कुत्तों के साथ समय बिताएं. उनके न रहने पर उनकी मां ही तीनों कुत्तों (2 पिटबुल और एक लैब) का ख्याल रखती थीं. 


अमित ने घर आने के बाद जो देखा...
अमित ने बताया कि जब वह घर वापस आए तो उन्होंने अपनी मां को जमीन पर पड़े देखा. आस-पास खून ही खून था और ब्राउनी साइड में छुपी बैठी हुई थी. उस समय मां होश में थी और उन्होंने खुद ही सब बताया कि क्या हुआ. घर के बाहर पुलिस खड़ी हुई थी, शायद पड़ोसियों ने बुलाया हो. लेकिन, एंबुलेंस को कॉल नहीं किया गया था. ऐसे में जैसे ही उन्होंने अपनी मां को देखा, फौरन अपने दोस्त की मदद से उन्हें बलरामपुर अस्पताल लेकर गए. 


आधे घंटे के अंदर मां ने दम तोड़ दिया
अमित का कहना है कि उस समय उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करना है. मां के शरीर पर कहां चोट लगी है, वह देख भी नहीं पा रहे थे. बस दोस्त की मदद से उन्हें अस्पताल लेकर गए, लेकिन आधे घंटे के अंदर ही मां ने दम तोड़ दिया. 


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लखनऊ नगर निगम ने दिया है लाइसेंस
लोगों ने यह भी कहा हुआ था कि पिटबुल को घर में नहीं रखना चाहिए, फिर भी अमित ने उसे रखा है. आरोप था कि अमित के पास इस डॉग का लाइसेंस भी नहीं है. इसका जवाब देते हुए अमित ने बताया कि उनके पास लखनऊ नगर निगम की तरफ से बनाया गया पिटबुल लाइसेंस है. 


पिटबुल ने ऐसा क्यों किया, अभी तक नहीं समझ पाए
अमित का कहना है कि ब्राउनी और मां दोनों ही एक दूसरे को बहुत चाहते थे. ऐसे में वह खुद ही नहीं समझ पा रहे हैं कि उनके पिटबुल ने ऐसा क्यों किया? अमित का कहना है कि वह पिटबुल डॉग को रखने के लिए बने सभी नियम कानून का पूरी तरह से पालन कर रहे थे. 


पिटबुल को भेजा गया स्वान केंद्र
आसपास के लोगों को इस कुत्ते से हमेशा खतरा लगता था, लेकिन अमित ने उसे अपने शौक में पाला हुआ था. अब पिटबुल किसी और को परेशान न कर पाए, इसलिए उसे पकड़कर स्वान केंद्र भेज दिया गया है. अभी तक उसे इसलिए नहीं पकड़ा जा सका था, क्योंकि पीड़ित परिवार मृतक बुजुर्ग महिला की अंत्येष्टि के लिए प्रयागराज गया हुआ था. आज परिवार वापस आ गया, जिसके बाद नगर निगम की टीम कैसरबाग स्थित उनके आवास गई और हिंसक पिटबुल को जरहरा स्थित स्वान केंद्र ले गई.


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