विशाल सिंह/लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Ittar Pradesh) के जूनियर हाईस्कूल यानी कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को हुनर सिखाने के लिए लर्निंग बाई डूइंग इनिशिएटिव (Learning by Doing Initiative) की शुरुआत की जाएगी. प्रदेश के 3000 स्कूलों में इस मुहिम को चलाया जाएगा. इसके लिए महानिदेशक ने  निर्देश जारी कर दिए हैं.स्किल सेट बढ़ाने पर फोकस होगा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

तीन हजार स्कूलों का सिलेक्शन
पहले फेज में प्रदेश के 15 जिलों के नगरीय क्षेत्रों के स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट चलाने के बाद पहले चरण में इसके लिए 3  हजार स्कूलों का सिलेक्शन किया गया है. 


इन फील्ड्स में मिलेगी ट्रेनिंग
इसके लिए फैब्रिकेशन, प्लम्बिंग, निर्माण, सैनिटेशन, इलेक्ट्रिक वायरिंग, सोलर लाइट, सोक पिट, रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसे कई ट्रेड की ट्रेनिंग दी जाएगी. पायलट प्रोजेक्ट में नगरीय इलाके में 15 जिलों में कुल 60 लैब के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया.  ऐसे स्कूलों का चयन किया गया हैं जहां इन लैब की स्थापना की जा सके. इसके लिए अलग से ट्रेनर आकर प्रशिक्षण देंगे.


जारी किया गया निर्देश
महानिदेशक विजय किरन आनंद ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों (Basic Education Officers) को निर्देश जारी कर इन स्कूलों का वेरिफिकेशन करने के निर्देश दिए हैं. इस कार्यक्रम में बच्चों को विभिन्न ट्रेडों का प्रशिक्षण (training in various trades)  दिया जाएगा और बच्चे समुदाय से पैसा लेकर सेवाएं दे सकेंगे.


बच्चे सीधे वार्षिक परीक्षा देंगे


अब उत्तर प्रदेश के प्राइमरी और जूनियर स्कूलों के बच्चों को त्रैमासिक और अर्द्धवार्षिक नहीं देनी होगी. बच्चे सीधे वार्षिक परीक्षा देंगे.  फरवरी के आखिर में वार्षिक परीक्षा प्रस्तावित है. बच्चों की दक्षता परखने के लिए निपुण लक्ष्य मूल्यांकन और लर्निंग आउट कम एग्जाम होगा.


WATCH: ड्रैगन फ्रूट और स्ट्रॉबेरी की खेती ने बदल दी किस्मत, लाखों रुपए कमा रहे हैं कुशीनगर के किसान



अलीगढ़: घर से परीक्षा देने निकले एक ही स्कूल के 3 छात्र लापता, पुलिस प्रशासन में मचा हड़कंप