संतोष जायसवाल/चंदौली: योगी सरकार (Yogi Government) प्रदेश के मदरसों का सर्वे करवा रही है. इसी क्रम में चंदौली जनपद के मदरसों का सर्वे किया जा रहा है. यहां इस्लामपुर में स्थित मदरसा इरफान उलूम का एसडीएम और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की टीम ने सर्वे किया. सर्वे में मानक के मुताबिक व्यवस्था नहीं पाई गई. हालांकि मदरसा संचालक सर्वे टीम का पूरी तरह सहयोग किया. जांच में पाया गया की मदरसा चंदे के पैसों से संचालित होता है. यह देवबंद से जुड़ा हुआ है. मदरसे में बच्चों को दीनी तालीम के अलावा व्यवहारिक तालीम की जानकारी ना के बराबर थी. यहां बड़ी संख्या में बच्चे बिहार से शिक्षा हासिल करने आते है. 


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व्यावहारिक शिक्षण में कमजोर
सर्वे टीम ने वहां के शिक्षकों से बातचीत की. मदरसे में शिक्षण कार्य और सुविधाओं की जानकारी ली गई. इस दौरान मैनेजर ने अधिकारियों को जानकारी दी कि मदरसा चंदे के पैसे से संचालित होता है. यहां 35 बच्चे पढ़ते हैं. मदरसा लगभग 2 बीघा से अधिक की भूमि पर बनाया गया है. यहां करीब 12 से 14 कमरे हैं. हालांकि मदरसे में मूलभूत सुविधाओं का अभाव देखा गया. कमरे जर्जर देखे गए और मदरसे के अंदर गंदे पानी से भरा से तालाब नुमा गड्ढा भी पाया गया. 


अंग्रेजी का बिल्कुल भी ज्ञान नहीं
यहां पर वर्तमान में कुल 35 बच्चे ही शिक्षण कार्य में शामिल थे. बड़ी बात है कि बच्चों को दीनी तालीम के अलावा व्यवहारिक शिक्षा की जानकारी न के बराबर थी. अंग्रेजी का तो इन बच्चों को जरा भी ज्ञान नहीं है. मदरसा के मैनेजर गुलाम रसूल ने बताया कि हमने सर्वे टीम का पूरा सहयोग किया. हमसे जो भी सवाल किए गए हमने उसका जवाब दिया. मदरसा गैर मान्यता प्राप्त है गैर मान्यता प्राप्त का ही सर्वे हो रहा है. एसडीएम चंदौली अविनाश कुमार के मुताबिक राज्य सरकार के निर्देश के मुताबिक ऐसे मदरसा जिन्हें मदरसा शिक्षक परिषद से मान्यता प्राप्त नहीं है उनका सर्वे किया जा रहा है. हम यहां देखने आए थे कि क्या पढ़ाया जा रहा है. कैसे पढ़ाया जा रहा है. कहां से पैसा मिलता है.