Mahashivratri 2023: आज महाकाल की नगरी उज्जैन में बनेगा विश्व रिकॉर्ड, शिप्रा के घाटों पर जलेंगे 21 लाख दीप
Mahashivratri 2023: विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल की नगरी में शिप्रा के घाटों पर दीप प्रज्वलित कर आज विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा. आइए बातते हैं पूरा मामला...
उज्जैन: विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल की नगरी अवन्तिका में महाशिवरात्रि पर्व की धूम है. बीते 8 दिनों से पर्व को लगातार मंदिर में मनाया जा रहा है. आज नौवें दिन शनि प्रदोष व महाशिवरात्रि के पर्व का अद्भुत संयोग है. पुजारी के अनुसार धार्मिक दृष्टि से आज के दिन महत्व कई गुना अधिक बढ़ गया हैं. खास बात ये है कि महाकाल की नगरी में शिप्रा के घाटों पर दीप प्रज्वलित कर आज विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा.
हर हर महादेव, जय महाकाल के जय कारों से गूंज उठा मंदिर परिसर
आपको बता दें कि देर रात 2:30 बजे से भस्मारती के लिए महाकाल मंदिर के पट खुले. पुजारी और पुरोहितों ने महाकाल का विशेष पूजन अभिषेक किया. अभिषेक में पंचामृत और कई प्रकार के फलों के रस से बाबा को स्नान करवाकर भस्मीभूत किया गया. इसी बीच भस्म आरती के साथ-साथ आम दर्शनार्थी ने चलायमान दर्शन किए. दरअसल, महाकाल के दर्शन के लिए श्रद्धलूओं की लंबी कतार 1: 40 से लगनी शुरू हो गई थी. सात से शुरू हुआ ये क्रम अगले 44 घंटे तक लगातार जारी रहेगा. वहीं, पूरा मंदिर परिसर इस दौरान हर हर महादेव, जय महाकाल के जय कारो से गूंज उठा है.
वहीं, दिन भर पूजन के बाद देर शाम बाबा महाकाल की नगरी में शिप्रा के घाटों पर आज दीप प्रज्वलित कर विश्व रिकॉर्ड कायम किया जाएगा. इसमें खुद सीएम शिवराज शामिल होंगे. इसके लिए पूरे शहर की आकर्षक सज्जा की गई हैं. बता दें कि अन्य धर्मिक स्थलों पर भी दीप प्रज्वलित होंगे. इस मामले में पुजारी महेश गुरु ने बताया कि आज शिव का दिन है. इस दिन पूजा करने से कई पुण्यों की प्राप्ति होती है. आज के दिन व्रत उपवास रखने वालों की हर मनोकामना पूरी होती है. आज 3 क्विंटल फूलों से बाबा का सेहरा सजाया जाएगा. बाबा को स्वर्ण जेवर, चंद्रमा, त्रिपुंड व तिलक लगाया जाएगा. इसके अलावा सवा लाख बेल पत्र चढ़ाए जाएंगे. हर एक बेल पत्र पर शिव का नाम लिखा होगा.
पुजारी ने बताया दिन भर का क्रम
पुजारी ने कहा दिन भर में चार पहर की पूजा होगी. इसके अलावा 11 ब्राह्मण अभिषेक करेंगे. वहीं, 7:30 से 8:15 तक दद्योदक आरती होती है. इसके बाद 10 से 10:30 बजे के बीच बाबा का विशेष जलाभिषेक किया जाएगा, जिसे लघुउद्धारि अभिषेक कहा जाता है. 10:30 से 11:15 भोंग आरती का समय रहता है. तत्पश्चात पुरोहित के अध्यक्ष की अगुवाई में 11 ब्राह्मणों को बैठाया जाएगा, जो ढाई घण्टे की विशेष पूजन अभिषेक करते हैं. इसी ढाई घण्टे में 12 से एक बजे तक प्रसाशनिक अधिकारियों द्वारा पूजन किया जाता है. फिर भगवान निराकार रूप में भक्तों को दर्शन देते है. देर शाम संध्या आरती होती है. दर्शन लगातार चलते है. रात 12बजे भगवान का सेहरा बंधता है, जो सुबह तक जारी रहता है. अगले दिन बाबा का 11बजे सेहरा लूटेगा, भस्मारती दिन में होगी और उसके बाद पर्व का समापन होगा.
अयोध्या में बीते साल दीप जलाकर बनाया गया था रिकॉर्ड
अयोध्या में बीते साल दीप जलाकर रिकॉर्ड बनाया गया था. अयोध्या में 15 लाख से अधिक दीप जलाए गए थे, जो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया था. वहीं, इस बार उज्जैन में 21 लाख दीए जलाकर रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है. आज देर शाम 21 लाख दीपों से अवन्तिका नगरी रौशन होगी. इसके लिए घाटों पर 22, 000 से अधिक वॉलेंटियर्स 18 लाख दीप जलाएंगे. इसके अलावा सीएम शिवराज ज्योति अर्पणम के आयोजन में शामिल होंगे. विश्व रिकॉर्ड के इस दिव्य दृश्य को श्रद्धालु घाट से नहीं देख सकेंगे. व्यवस्था के बनाए रखने के चलते श्रद्धालुओं के रात 8 बजे तक घाट पर आने पर प्रतिबंध रहेगा. पूरी उज्जैन नगरी में लोग घरों में और सार्वजनिक स्थानों पर दीपक जलाकर इस संख्या को पूरा करेंगे.